उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। जिले में सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की सच्चाई की परतें खुल रही हैं। योगी सरकार जहां ग्रामीण इलाकों को शहरी तर्ज पर विकसित करने का दावा करती है, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जिले में उच्च अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठकर कुर्सियां तोड़ने में व्यस्त हैं। परिणाम स्वरूप सरकारी धन का बंदरबांट हो रहा है और जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।आपको बता दे की विकासखंड कर्वी की ग्राम पंचायत अकबरपुर (ब) में हाल ही में बने मुक्ति धाम का निर्माण कार्य मानक विहीन पाया गया है। इस जगह की दीवारों की नींव टूट चुकी है और पूरा ढांचा जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। सवाल उठता है कि लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद इतनी घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल क्यों हुआ? सचिव और ग्राम प्रधान पर ग्रामीण पंकज, अश्विनी कुमार ने आरोप लगाया है कि सचिव और ग्राम प्रधान ने मुक्ति धाम के निर्माण कार्य में लाखों रुपए डकार लिए और गांव वासियों को जर्जर ढांचा थमा दिया।अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच कमीशन का खेल चल रहा है, जिसकी वजह से काम का स्तर गिरता जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों की मॉनिटरिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। योगी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार आड़े आ रहे हैं।ग्राम पंचायत में हो रही अनियमितताओं से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने जिले के उच्चाधिकारियों से जवाब देने की मांग की है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।वही जब विकासखंड अधिकारी को सरकारी नंबर पर फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा आपको बतादे कि डी सी मनरेगा धर्मजीत सिंह विकासखंड अधिकारी कर्वी का अतिरिक्त चार्ज संभाले हुए हैं जो उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं और सरकार की किसी भी आदेशों का पालन करना जरूरी नहीं समझते हैं। वही कुछ लोगो का कहना है साहब ने जब से चार्ज लिया है तब से भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है वही जब मुख्य विकास अधिकारीअमृता पाल कौर से इस संबध में बात की गई तो उन्होंने जांच कर कार्यवाही करने को कहा गया है।
रिपोर्टर पंकज सिंह राणा चित्रकूट