ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व खीरों बीडियो समेत कई लोग इस भ्रष्टाचार के खेल में शामिल

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) रायबरेली खीरों लालगंज(रायबरेली)। विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मेरुई ग्राम सभा इस समय चर्चे में हैं। बगैर विकास के ही कागजों पर विकास करवाने का खेल जो खीरों ब्लॉक में जारी है वह अभी तक शांत नहीं हुआ। गांव के मुखिया से लेकर ब्लॉक के अधिकारी तक इस खेल में शामिल होते हुए दिखाई दे रहे हैं। विकास के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले एक क्षेत्रीय पत्रकार को पूरी तरह से दबाने की कोशिश अभी भी जारी हैं। चमचों से मिलने वाली धमकियां गलत तरीके से गलत लोगों द्वारा स्थानीय थाने में रोज नए-नए प्रार्थना पत्र दिलवा कर उसका उत्पीड़न अभी भी किया जा रहा हैं। उम्मीद की जा रही कि विकास के इस खेल में बहुत जल्द बहुत बड़ा घोटाला सामने आने वाला हैं। जिसमें गांव से लेकर ब्लॉक तक के सभी अधिकारी सम्मिलित हैं। उल्लेखनीय है कि मेरुई गांव के निवासी एवं क्षेत्रीय पत्रकार गौरव सिंह ने पिछले वर्ष 5 फरवरी 2019 को अपने गांव में हुए विकास का लेखा-जोखा जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत खंड विकास अधिकारी खीरों से मांगा, लेकिन भ्रष्टाचार के खेल में सम्मिलित होते हुए प्रधान एवं सेक्रेटरी के डर से खंड विकास अधिकारी खीरों ने क्षेत्रीय पत्रकार गौरव सिंह को इससे संबंधित किसी भी प्रकार की कोई भी सूचना नहीं दी, जो सूचना खंड विकास अधिकारी खीरों द्वारा दी गई उस सूचना से वह असंतुष्ट हैं। गौरव सिंह ने बताया कि खंड विकास अधिकारी खीरों से जो सूचना हमने मांगी थी वह सूचना मुझे नहीं दी गई मुझे कि कोई दूसरी सूचना दे दी गई, जिससे मैं संतुष्ट हूं। खंड विकास अधिकारी खीरों से मांगी गई सूचना के विपरीत सूचना देना यह साफ बयां कर रहा कि भ्रष्टाचार के इस खेल में साहब का भी हिस्सा हैं। ग्राम प्रधान सेक्रेटरी व साहब समेत कई ईमानदार लोग इस बेईमानी के खेल में सम्मिलित हैं जिसकी जांच होना अति आवश्यक है पत्रकार गौरव सिंह ने यह भी बताया कि पहले तो हमें सूचना ही नहीं दे रहे थे। उसके बाद हम जिलाधिकारी रायबरेली के यहां प्रार्थना पत्र देखकर व मौखिक रूप से यह बात कही तो उन्होंने सूचना देने का खंड विकास अधिकारी खीरों को आदेश दिया लेकिन उनके आदेशों का भी यह उल्लंघन करने लगे। फिर बाद में वह जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की सूचना अवधि के समय को देखते हुए एवं अपनी कलम बचाते हुए मुझे गलत सूचना दे दी, जिससे मैं असंतुष्ट हूं। जिसके बाद मैंने सूचना आयोग लखनऊ से इसकी मांग की जिसकी सुनवाई 26 मार्च 2020 को होनी हैं। खंड विकास अधिकारी खीरों द्वारा एक बार में सही सूचना न देना भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने का इशारा करता है जो जांच का विषय भी हैं।

इनसेट –

गौरव सिंह ने मेरुई ग्राम सभा के विकास कार्यों को लेकर जन सूचना अधिकार के तहत मुझसे सूचना मांगी थी जिसकी सूचना मैंने उनको दी अगर वह उससे असंतुष्ट हैं तो दोबारा सूचना मांग सकते हैं
– कमलाकांत, खंडविकास अधिकारी, खीरों (रायबरेली)।

हिंदी दैनिक कर्म भूमी
जिला ब्यूरो चीफ श्रवण कुमार सरेनी रायबरेली