उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट जिला चिकित्सालय में डायलिसिस के तड़पती रही मरीज के साथ डॉक्टर के द्वारा बदसलूकी करने का मामला आया सामने आपको बता दें कि भले ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सख्त है यहां तक कि नोबेल कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी से बचाव को लेकर प्रशासन ने पूरी कमर कस ली है और लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना होने की शासन प्रशासन द्वारा दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं।लेकिन यदि हम बात करें जिला चिकित्सालय चित्रकूट की तो आपको बता दें कि एक अकबरपुर (ब)की रहने वाली महिला प्रीति पत्नी विश्वजीत सिंह(सोनू)जो अस्पताल के बाहर घंटों तड़पती रही लेकिन वहीं डॉ अमित प्रताप सिंह के द्वारा लापरवाही करते हुए महिला को जहां एक और जबरदस्त फटकार लगाई वहीं इमरजेंसी में भी इलाज नहीं करते हुए हॉस्पिटल से बाहर भगा दिया गया जबकि शिवरामपुर स्वास्थ्य केंद्र भांगा से रिफर होकर आया था मरीज जबकि मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने एक बार फोन उठाने के बाद दोबारा में जनों का फोन उठाना नही समझा मुनासिब सीएमओ का घण्टो इंतजार करती पीड़ित महिला और वही महिला और उसके परिजन जिला चिकित्सालय के बाहर पीड़ित महिला को लेटा कर घंटों डॉक्टरों का हाथ पैर जोड़ता रहा और गिड़गिड़ाता रहा परंतु स्वास्थ्य विभाग का अमला एक भी इस विवश व्यक्ति की फरियाद नहीं सुनी और उसका इलाज नहीं किया गया जिससे स्पष्ट होता है कि कोरोनावायरस संक्रमण बीमारी के बहाने को पाकर स्वास्थ्य अमला अपनी जिम्मेदारी न निभाते हुए अब इमरजेंसी में आए लोगों का इलाज भी करने से कतरा रहा है जिसकी वजह से अब लोगों की जान जाने का भी खतरा मंडरा रहा है। कोरोना वायरस से खरतनाक है अमित प्रताप सिंह जैसे डॉक्टर जो चित्रकूट धार्मिक स्थल जैसे जिला अस्पताल को बदनाम करने में जुटे हुए हैं। ऐसे डॉक्टर कोरोना जैसे बीमारी का कर पाएगें इलाज अब देखना यह है कि ऐसे डॉक्टरों पर अच्छी छवि वाले जिलाधिकारी क्या करते हैं कार्यवाही या फिर सब रहेगा हवा-हवाई।
*ब्यूरो चीफ* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव चित्रकूट
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