*धामनिया के बेटे दे रहें दिल्ली ओर जोधपुर में सेवाएं*

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबड़ौद उपखंड एवं तहसील मुख्यालय स्थित कस्बा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंजारी के रामबल मीणा के दो बेटों ने दिल्ली ओर जोधपुर में कोरोना वायरस जैसी भयंकर वैश्विक महामारी बिमारी को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दोनों बेटे रात दिन मरीजों की सेवा में दे रहे हैं योगदान दिल्ली में कार्यरत विनोद मीणा ओर जोधपुर जिले में तैनात संतोष कुमार मीणा छीपाबड़ौद तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंजारी के धामनिया गांव में एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और ओर वर्तमान में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात हैं और दूसरा बेटा जोधपुर में कोरोना वायरस जैसी भयंकर वैश्विक महामारी बिमारी के समय अपना योगदान तो दे रहे हैं लेकिन परिवार का को रात-दिन दोनों बेटों की चिंता सताती रहती है। दिल्ली में कार्यरत विनोद कुमार मीणा ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया गया है कि कर्मवीरो ने ठाना है कोरोना को हराना है।देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों में होंसलौ के साथ कार्य में जुटे बारां के कर्मवीर विश्व व्यापी कोरोना महामारी से बचाव के लिए बारां जिले के कर्मवीर जो दिन रात एक कर के कोरोना को हराने में लगे हुए हैं भले ही हम लोक डाउन के कारण घरों में सुरक्षित हैं लेकिन यह कर्मवीर हमारी सुरक्षा के लिए घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर हमारी सुरक्षा के लिए जिंदगी दांव पर लगाकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं

छिपाबड़ोद तहसील के धामनिया गांव मैं रामबल बमनावत के दो बेटे देश सेवा में लगे हुए हैं एक बेटा संतोष बमनावत जोकि जोधपुर एम्स में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। दूसरा होनहार बेटा विनोद बमनावत देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सफदरजंग हॉस्पिटल में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत हैधामनिया गांव का ही बनवारी मीणा सफदरजंग अस्पताल में ही नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत है।वही मांगरोल निवासी देवेंद्र पंकज वह भी नर्सिंग ऑफिसर के पद पर सफदरजंग अस्पताल में कार्यरत है यह क़ोरोना योद्धा अपना और गांव और जिले का नाम देश में रोशन कर रहे हैं कोरोना महामारी एक ऐसा युद्ध है जिसे डॉक्टर व नर्सिग ऑफिसर के बगैर नहीं जीता जा सकता है उनके परिजन संपर्क करके उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहते हैं अफसरों ने बताया कि महामारी को हराने के लिए वह जी जान से मेहनत कर रहे हैं हम इस युद्ध को जरूर जीतेंगे।

*रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद*