उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट- मामला है भरतकूप क्रेसर नगरी का जहां अपने आप को मानता प्राप्त पत्रकार का दर्जा पाने वाला पत्रकार इस समय अवैध खनन के साथ मानक विहीन क्रेसर का संचालन कर रहा है । यहां तक कि पत्रकार द्वारा अपने पत्रकारिता की धौंस दिखाकर उसके द्वारा जंहा खुलेआम एनजीटी के नियमों की जहां स्वयं धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वहीं तथाकथित पत्रकार दूसरे का ठेकेदार भी बना नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो पत्रकार का कहना है कि किसी अधिकारी में इतनी दम नहीं कि भरतकूप क्षेत्र में होने वाले अवैध खनन और एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर चलने वाले क्रेशर पर कार्यवाही कर सकें। वंही अब सबकी निगाहें जिला अधिकारी चित्रकूट पर टिकी है। कि आखिर इस महामारी के दौरान दो वक्त की रोटी के लिए काम करने वाले लोगो को कब कोरोना जैसी संक्रमण महामारी से बचने के लिए सुरक्षा उपक्रम बांटे जाएंगे। वही पर्यावरण प्रदूषण से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घातक बीमारी की चपेट में आ रहे है । आखिर कब इन क्रेशर और अबैध खदानों से लगने वाले सरकार के राजस्व को चूना पर कब अंकुश लग सकेगा*।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
You must be logged in to post a comment.