उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
जौनपुर – मडियाहू कोरोना आश्रय स्थल बी0एन0बी0 इंटर कॉलेज मडियांहू जौनपुर के इंचार्ज लेखपाल जोकि कोरोना आश्रय का देखभाल व वितरण इंचार्ज है।
जिनके द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन न करके कोरोना आश्रय स्थल पर भिवंडी महाराष्ट्र से आए हुए व्यक्ति जो कामगार / मजदूर था।
उसको अनाज का पैकेट नहीं दिया गया जो कि शासन द्वारा निर्धारित है। जिसको मजदूर द्वारा मांगने पर वहां उपस्थित सिपाही घनश्याम पांडेय द्वारा उसे बेइज्जत करके भगा दिया गया।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 28 मई 2020 को मोहन पुत्र सुखदेव निवासी ग्राम रामनगर नंबर 2, थाना मडियाहूं का निवासी है जो भीमंडी मुंबई महाराष्ट्र में मजदूर था।
कोरोना महामारी की वजह से शासन द्वारा उसे बस के माध्यम से जौनपुर भेजा गया था और जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा उसे मड़ियाहूं बी0एन0बी0 इंटर कॉलेज कोरोना आश्रय स्थल पर भेज दिया गया जहां उसकी डॉक्टरों द्वारा जांच की गई और उसे स्वस्थ पाया गया।
परंतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित कोरोना महामारी के मद्देनजर जो राहत सामग्री अन्य प्रदेशों से आए हुए लोग लोगों एवं मजदूरों को दी जा रही है उसे लेने के लिए लाइन में लगा दिया गया।
इसी बीच भुक्तभोगी मोहन पुत्र सुखदेव ने बताया कि मुझे भूख और प्यास लग गया तो कोरोना आश्रय स्थल बी0एन0बी0 पर इसका कोई इंतजाम नहीं था मेरे कहने पर उन्होंने कहा कि घर बगल में है जाकर भोजन करके आओ जब मैं भोजन करके आया तो उस पर स्थित लेखपाल कर्मचारी ने मुझे राहत सामग्री देने से इंकार कर दिया मेरे बार-बार मांगने पर उन्होंने उपस्थित पुलिस सिपाही गार्ड के माध्यम से मुझे धक्का देकर बाहर निकलवाने की कोशिश की जब मैंने इसका विरोध किया और राहत सामग्री प्राप्त करना चाहा तो मुझे लाठी-डंडे व घुसे से मारा – पीटा गया जिससे मुझे चोट आयी।
घटना का विवरण बताते समय मजदूर रोता बिलखता रहा और सिपाही से कहा कि राशन नहीं देना था तो न देते लेकिन मारे क्यों ?
इस बाबत जब सिपाही घनश्याम पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उपस्थित कर्मचारी लेखपाल के कहने पर मैंने उसको गेट के बाहर कर दिया और सिपाही ने मारने – पीटने की बात को नकारते हुए और कोई उत्तर न देते हुए अंदर चले गए और इस संबंध में मनोज यादव लेखपाल से वार्ता की गई।
तो उन्होंने बताया कि राहत सामग्री कामगार मजदूरों को प्रदान की जा रही है जो कि अन्य प्रदेशों से मजदूर आए हुए हैं।
भुक्तभोगी पीड़ित मोहन पटेल को राहत सामग्री दी गई कि नहीं दी गई यह बताने से इन्कार कर दिया इससे लगता है कि शासन की आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जो लाभ कामगार / प्रवासी मजदूरों को दिया जा रहा है।
उसमें भी चोरी प्रारंभ हो गई है और कुछ मजदूर कामगार उस लाभ से वंचित हो रहे हैं शासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
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