उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर : कृषि प्रधान देश में प्रकृति की मार, बीमार मिट्टी, छोटी जोत और अधिक लागत कम उत्पादन के चलते खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है।
सिकरारा ब्लाक के गांव मझौली में आदर्श बागवानी पौधशाला की स्थापना सन 1998 में कृषि विज्ञान केंद्र व इफको फाउंडेशन की मदद से की गई। लगभग 22 साल से मॉडल किसान रामजीत मौर्य व सहयोगी बिना किसी सरकारी अनुदान के कृषि विज्ञान केंद्र जौनपुर के वैज्ञानिकों की देखरेख में रोजाना पौधा रोपण करते हैं। 1 एकड़ में फैली आदर्श बाग़वानी पौधशाला व्यवसायिक खेती के साथ-साथ बागवानी के क्षेत्र में एक मिसाल कायम किये है।
मॉडल किसान रामजीत मौर्य बताते हैं कि शानदार आधुनिक खेती के लिए अनुकूल प्रकृति का होना बहुत जरूरी है। बाग़वानी में मौजूद फलदार, फूलदार, सोभदार और छायादार के विभिन्न तरह के सैकड़ों पौधे उपलब्ध है। आधुनिक दौर में आदर्श बागवानी पौधशाला के आधिकारिक वेबसाइट आदर्शनर्सरी.काॅम से रोजाना सैकड़ों ग्राहक पौधे की ऑनलाइन खरीदारी करते हैं। बागवानी में खास बात है कि सभी पौधे मदर प्लांट से स्वतः तैयार करके बिक्री के साथ प्लास्टिक व सीमेंट के गमले निर्मित किए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक रामजीत मौर्य पहले भी आदर्श बागवानी पौधशाला के बैनर तले अनेकों जागरूकता कार्यक्रम प्रकृति को बचाने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में करते रहते हैं।
ब्यूरो संपादक आलोक उपाध्याय जौनपुर
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