ठेंगे पर शासन के निर्देश, दफ्तरों में समय से नहीं पहुंच रहे अफसर

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर

अम्बेकरनगर_शनिवार व रविवार को अवकाश पर रहने की खुमारी सोमवार को भी समय रहते दूर नहीं हो पाई। आदत के अनुसार ही इस सोमवार को भी तमाम दफ्तरों में अफसर लेट लतीफ ही पहुंचे। प्राय: ऐसा होता है कि द्वितीय शनिवार के अवकाश व उसके बाद रविवार के अवकाश के चलते ज्यादातर अफसर गैर जनपदों में अपने घरों को चले जाते हैं।इस दौरान मुख्यालय छोड़ने की बाकायदा जो लिखित अनुमति ली जानी चाहिए, वह लेने की जरूरत इक्का-दुक्का को छोड़ आमतौर पर कोई भी अफसर जरूरी नहीं समझता। इसी मनमानी के चलते ज्यादातर अफसर दो दिन के अवकाश के बाद पूरी आराम तलबी के साथ दफ्तरों को पहुंचते हैं। इससे दफ्तरों में अपने हक की मांग या न्याय से जुड़ी उम्मीदों को लेकर पहुंचने वाले फरियादियों को या तो निराश होकर लौटना पड़ता है या फिर लंबा इंतजार करने को विवश होते हैं।न्यूज़ टीम ने आम नागरिकों के इस दर्द व अफसरशाही की मनमानी उजागर करने के लिए सोमवार को कार्यालयों का मुआयना करने का फैसला किया। इसके तहत सवा दस बजे के बाद कार्यालयों का रुख किया गया। मनमानी न सिर्फ जिला मुख्यालय के अफसरों में दिखी वरन तहसीलों में कार्यरत अफसर भी पूरी तरह मनमानी करते दिखे। पेश है आंखों देखा पूरा हाल।न्यूज़ टीम 10:10 पर नगर पालिका परिषद गई अस्सी परसेंट तक कर्मचारी नदारद अधिकारी वर्ग में कोई नहीं पहुंचा था ताले खुले लेकिन सिटकनी बंद फिर  न्यूज़ टीम सवा दस बजे के बाद विकास भवन पहुंची तो जिला समाज कल्याण अधिकारी आरके चौरसिया अपने कक्ष में नहीं थे। उनका कार्यालय कक्ष तो खुला था, लेकिन वे नदारद थे। काफी देर इंतजार के बाद भी जब वे नहीं पहुंचे तो कर्मचारियों ने बताया कि उनके पास जहांगीरगंज ब्लाक के खंड विकास अधिकारी का भी चार्ज है। वे वहीं गए होंगे। हालांकि 10 बजकर 37 मिनट पर वे एक लग्जरी वाहन से विकास भवन परिसर पहुंच गए। इसके बाद वे अपने कार्यालय पहुंचे।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसके बावजूद वे समय से सोमवार को अपने कार्यालय नहीं पहुंच पाए। न्यूज़ टीम 10 बजकर, 25 मिनट पर कार्यालय के सामने पहुंची तो अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी कक्ष का दरवाजा खुला था। कर्मचारी मौजूद थे। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कक्ष का ताला खुल गया था, लेकिन बाहर से सिटकनी लगी थी। वे तब तक कार्यालय नहीं पहुंच पाए थे। कर्मचारियों ने बताया कि वे बस्ती स्थित अपने घर गए हैं। वहां से लौटने में विलंब हो रहा होगा। आने ही वाले होंगे।जिला पंचायत राज अधिकारी शेेषदेव पाण्डेय व अपर जिला पंचायत राज अधिकारी दुर्गा प्रसाद तिवारी विकास भवन स्थित अपने अलग-अलग कार्यालयों में मौजूद नहीं थे। भीटी से ग्रामीण नन्हें गांव के कई ग्रामीणों के साथ यहां पहुंचे थे। उन्हें ग्राम प्रधान के कार्यों से जुड़ी कोई शिकायत करनी थी। अफसरों के न पहुंचने से वे सब इधर-उधर भटक रहे थे। जलालपुर से आए श्यामलाल ने कहा कि डीपीआरओ से मिलकर एक बीएलओ के बारे में जानकारी देनी है जो सेक्रेटरी है। वह मनमानी कर रहा है। काफी देर से इंतजार करने के बाद भी दोनों अफसर नहीं मिले। अब मैं जिला अस्पताल में एक मरीज को देखने जा रहा हूं। वापस आने तक अफसर आ गए तो ठीक वरना दूसरे दिन आना पड़ेगा। न्यूज़ टीम यहां 10 बजकर 40 मिनट तक रही, लेकिन डीपीआरओ व एडीपीआरओ नहीं पहुंच पाए थे।
जलालपुर तहसील में  10 बजकर 26 मिनट पर तहसीलदार बृजेश वर्मा दफ्तर से नदारद थे। फोन पर बताया कि धान क्रय केंद्र का निरीक्षण कर रहा हूं। जन सुनवाई की अवधि में कथित निरीक्षण के औचित्य पर वे कोई जवाब नहीं दे पाए। एसडीएम कक्ष का दरवाजा खुला मिला। 10 बजकर 27 मिनट पर एसडीएम भरत लाल सरोज जनसुनवाई करते मिले। वे एक फरियादी से उसकी समस्या सुन रहे थे। तहसील के बगल स्थित खंड विकास कार्यालय पहुंचने पर वहां खंड विकास अधिकारी एके पाण्डेय पत्रावलियों का अवलोकन करते दिखे।
10 बजकर 48 मिनट पर ब्लाक संसाधन केंद्र पर खंड शिक्षा अधिकारी केपी सिंह मौजूद नहीं थे। फोन पर उन्होंने बताया कि दो दिन का अवकाश लिया है। हालांकि कार्यालय में उनके अवकाश पर रहने की जानकारी किसी को नहीं थी। ठीक 11 बजे उपखंड अधिकारी विद्युत प्रमोद सिंह कार्यालय में नहीं मिले। फोन पर बताया कि मैं अवकाश पर हूं। 11 बजकर 02 मिनट पर अधिशाषी अभियंता विद्युत एसएन यादव अपने कार्यालय कक्ष में नहीं दिखे। उनके बारे में किसी कर्मचारी को कोई जानकारी नहीं थी। कई बार उनके सीयूजी नंबर पर फोन किया गया, लेकिन वह नेटवर्क क्षेत्र से बाहर ही बताता रहा।
भीटी तहसील में न्यूज़ टीम ठीक सवा दस बजे पहुंच गई। इसके बाद वह तहसील स्तरीय अधिकारियों के पहुंचने का इंतजार करती रही। एसडीएम कक्ष का ताला ही देर से खुला। यही हाल तहसीलदार कक्ष का भी था। साढ़े दस बजे तक न तो एसडीएम पहुंच सकी थीं और न ही तहसीलदार। तहसील परिसर स्थित कैंटीन में बीते दिनों हुई चोरी को लेकर एफआईआर न दर्ज होने से परेशान अभिषेक सिंह उर्फ सिंटू यहां सवा दस बजे ही यहां पहुंच गए थे। उन्हें लगा कि एसडीएम से मिलकर अन्य काम के सिलसिले में जल्दी ही वापस चले जाएंगे, लेेकिन ऐसा नहीं हो सका।
उन्हें लंबा इंतजार करने को विवश होना पड़ा। एक राजस्व कर्मी की शिकायत को लेकर पहुंचे ग्रामीण शिवचरन ने कहा कि मुझे एक जांच कराने के लिए अयोध्या जाना है। तहसीलदार व एसडीएम के समय से न पहुंच पाने से निराश शिवचरन अगले किसी दिन आने की बात कहकर वहां से चले गए। बाद में 10 बजकर 32 मिनट पर तहसीलदार गौरव सिंह कार्यालय पहुंचे। तहसीलदार के आने पन्द्रह मिनट बाद तक एसडीएम भूमिका यादव नहीं पहुंच सकी थीं। भीटी में आवास होने के बाद भी वे मुख्यालय से ही आवागमन करती हैं। एसडीएम भूमिका 10 बजकर 53 मिनट पर अपने कार्यालय पहुंची।तमाम दफतरों में पहुंचने के साथ ही अमर उजाला टीम ने अफसरों के सीयूजी नंबर पर फोन कर उनकी लोकेशन जाननी चाही। अफसरों से कहा गया कि इसी वक्त उनके ऑफिस में मुलाकात करनी है। यदि वे उपलब्ध हों तो आफिस में मुलाकात हो जाए। इसके बाद ही फोन पर कुछ अफसरों ने असलियत बतानी शुरू कर दी तो कुछ के फोन ही नहीं उठे। उप कृषि निदेशक आरडी बागला का मोबाइल 10 बजकर 22 मिनट पर नाट रीचेबल बताता रहा।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. धर्मराज सिंह ने 10 बजकर 24 मिनट पर बताया कि थोड़ी दूर पर हूं। कुछ देर में ही कार्यालय पहुंचने वाला हूं। 10 बजकर 26 मिनट पर जिला भूमि संरक्षण अधिकारी राजमंगल चौधरी ने बताया कि वे अपने कार्यालय में नहीं है। इस समय कृषि भवन में हैं। मेरे पास कृषि रक्षा अधिकारी का भी चार्ज है। अकबरपुर के खंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्रनाथ द्विवेदी ने 10 बजकर 18 मिनट पर बताया कि मैं कार्यालय पर नहीं हूं, लेकिन शिवबाबा बीआरसी पर मौजूद हूं। रामनगर के खंड शिक्षा अधिकारी श्रवण यादव ने 10 बजकर 29 मिनट पर बताया कि स्कूल चेक कर रहा हूं। दो बजे के बाद मुलाकात होगी। भियांव के खंड शिक्षा अधिकारी सुनील यादव ने 10 बजकर 31 मिनट पर बताया कि घर चला गया था। आ रहा हूं। साढ़े ग्यारह बजे तक मुलाकात होगी।दफ्तरों में समय से बैठने पर पूरा जोर है। फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से कराया जा रहा है। तय होगा कि कोई भी अफसर इस तरह से विलंब से न पहुंचे। इस पर संबंधित अफसरों से जवाब-तलब होगा।

रिपोर्ट-विमलेश विश्वकर्मा अंबेडकर नगर