महंत सेवानन्द पुरी महाराज नें दत्तात्रेय भगवान के जीवन पर प्रकाश डाल उनके वज्र कवच के पाठ ओर उच्चारण का महत्व बताया।

राजस्थान राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) बारां छबड़ा श्री हनुमान सिद्ध साधना आश्रम पर दत्तात्रेय भगवान का प्रकटोउत्सव मंगलवार को हर्षोल्लास से मनाया गया।अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष शंकर लाल नागर के अनुसार दत्त जयंती के अवसर पर मंगलवार को महंत सेवानन्द पुरी महाराज नें ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से शास्त्रोक्त कथा का श्रवण कराया तथा दत्तात्रेय महाराज द्वारा उच्च।महंत पुरी महाराज ने कहा कि देश अभी विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है,जगह-जगह कोरोना महामारी के केश मिल रहे है ऐसे समय मनुष्य मात्र को दैहिक दैविक ओर भौतिक संतापों से मुक्ति के लिए दत्तात्रेय व्रज कवच का पाठ करना चाहिए।कार्यकारी अध्यक्ष नागर ने कहा कि मनुष्य को हानि लाभ जीवन-मरण की चिंता छोड़ ईमानदारी और सत्यता से जीवन पथ पर चल अपनी जीवन यात्रा पूर्ण करने के लिए ही कर्म करना है व्यर्थ के प्रपंचों में पड़ने से ही मनुष्य शारीरिक,मानसिक आदि-व्यादि के रोगों के घेरे में आता है और छल-बल,कपट से कमाया बिना परिश्रम का धन रोगों के निदान में खर्च कर आखिर धन से मालामाल होते हुए वो तन से कंगाल नजर आता है।हमें भगवान दत्रात्रेय के जीवन से शिक्षा ग्रहण कर निस्वार्थ भाव से कर्म कर राष्ट्रधर्म का पालन कर देश के विकास में भागीदारी निभानी चाहिए आज हम सबको देश के युवाओं से ऐसी ही आशा ओर विश्वास की कल्पना करनी है जिससें हम इस संसार से निर्विकार होकर यात्रा समपन्न कर सकें।योग संगठन मंत्री परमानन्द शर्मा ने कहा कि निरोगी जिंदगी उसी की होगी जो दूसरों की निरोगता की प्रार्थना करता होगा।हमें सभी रोगों से बचनें के लिए सत्यमेव जयते के पथ पर चल दत्रात्रेय व्रज कवच का पाठ करना चाहिए जिससे हम तन,मन से स्वस्थ रह सकेंगें।दत्रात्रेय जनमोत्स्व के बाद सेवानन्दपुरी शंकर लाल नागर,परमानन्द शर्मा,राम प्रसाद सुमन कसन बाबूलाल,मेघराज नारायण चतुर्भुज आदि नें गुलाब के फूलों की कलमों का रोपण किया गया।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद