भरतकूप में मकर संक्रांति के दौरान लगने वाले मेले में अव्यवस्थाओं का आलम

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट जिला के भरतकूप तीर्थ स्थल में मकर संक्रांति के दिन से पांच दिवसीय मेला लगता है जहां दूरदराज के लोग आते हैं आपको बता दें कि पुराणों के अनुसार मानना है कि भगवान श्री राम का राज्य अभिषेक करने के लिए छोटे भाई भरत जी सभी तीर्थों का जल लेकर वनवास काल में प्रभु राम को मनाने चित्रकूट आए थे उसी समय का जल इसी कूप में डाला गया था जिससे माना जाता है कि चारों धाम का जल भरतकूप में ही लोगों को आसानी से मिल जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भरत मंदिर में बने कूप में स्नान करने से लोग चारों धाम के स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति करते हैं वही मकर संक्रांति के दिन दूर दराज से लोग आकर भरतकूप मैं स्नान कर अपने आप को धन्य महसूस करते हैं लेकिन लेकिन भरतकूप में लगने वाला मकर संक्रांति के दिन से पांच दिवसीय मेला लोगों को एक अलग सा ही उत्साह महसूस कराता है इस मेरे में नंन्हे मुन्हे बच्चो के साथ लोग भरतकूप पहुच कर भरतकूप मन्दिर में बने प्राचीन कूप में स्नान कर जल ग्रहण करते हुए खिचड़ी का दान भी करते है । इसकी जानकारी शासन को भी है यहां तक की पर्यटन विभाग द्वारा भरतकूप धार्मिक स्थल में निर्माण कार्य किया जा रहा है लेकिन निर्माण कार्य में इतनी लापरवाही की गई कि पांच दिवसीय लगने वाले मेले में यह लापरवाही लोगों के लिए मुसीबत बन गई है भरतकूप में जिस कुएं पर चारों धाम का जल पाया जाता है उसी में के इर्द-गिर्द पानी निकालने के लिए किसी तरह की कोई नाली नहीं बनाई गई जिसकी वजह से पानी अब सीधे कुए के किनारे भरने लगा है यदि इसी तरह पर्यटन विभाग के द्वारा धार्मिक स्थलों पर निर्माण कर अनदेखी की जाती रहेगी तो शायद धार्मिक स्थलों में आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसा साबित होगा। वही महंत लवकुशदास जी कहना है कि कुछ दबंगों ने मंदिर परिसर में दुकान लगा रखा है जिसकी शिकायत मैं कई बार उच्च अधिकारियों से किया लेकिन कोई कार्यवाही नही की जा रही है । जिससे दबंगों के हौसलें बुलंद हैं और जब मैं उनको दुकान लगाने से मना करता हूं तो वह झगड़ा करने मे उतारू हो जाते हैं। जिसकी शिकायत मैं पुलिस प्रशासन से लेकर उच्च अधिकारियों तक की है।लेकिन आज तक दबंगों प्रति कोई कार्यवाही नहीं कि गयी।

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट