चौरी चौरा जन विद्रोह को स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में नहीं मिला उचित सम्मान : यशवंत सिंह

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,04 फरवरी 2021 लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा है कि चार फरवरी 1922 को देश की स्वतन्त्रता के लिए गोरखपुर में हुए चौरी चौरा जन विद्रोह से अंग्रेजी सरकार की चूलें हिल गई थीं। इसके बावजूद स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में इस महान जन विद्रोह और इसके नायकों को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह पात्र थे। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के बहाने देश की स्वतन्त्रता के लिए हुए इस जनविद्रोह और इसके नायकों की आज 4 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है, इसके नायकों के प्रति जो सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर सम्मान प्रकट किया जा रहा है, उसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री की जितनी भी सराहना की जाए, कम है।चन्द्रशेखर चबूतरा दारुलशफा परआयोजित चौरी चौरा जनविद्रोह शताब्दी समारोह में लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ हुए चौरी चौरा जनविद्रोह में हमारे राष्ट्रीय एकता मन्त्र, विविधता में एकता- की आत्मा वास करती है। इस मन्त्र को पहले ही जन जन पहुंचाया गया होता तो जाति और साम्प्रदाय के आधार पर देश के लिए सिरदर्द बनी ताकतें पनपने नहीं पांती। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के इतिहास को जन जन तक पहुँचाना केवल सरकार की नहीं, हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी के तहत लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति इस वर्ष हर महीने की चार तारीख को चौरी चौरा की शहादत की चर्चा कर उसकी स्मृति को, उसकी शहादत को प्रणाम करेगी और इसके इतिहास से नई पीढ़ी को अवगत कराएगी। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा है कि यह अवसर यह संकल्प लेने का है कि हम शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। इसके लिए अमर शहीदों के सन्देश को जन जन तक पहुंचाएंगे। चौरी चौरा जन शताब्दी वर्ष समारोह की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर विधायकसुरेन्द्र सिंह, सामाजिक सेनानी सर्वश्री रामअवध सिंह, चन्द्रशेखर सिंह, जगदीश राय, विजय कुमार ओझा, राजेन्द्र सिंह, रणवीर सिंह सेंगर, इंद्रेश शुक्ला, भोला सिंह बघेल, हरिओम तिवारी, दिवाकर सिंह, सुभाष राजभर, सन्तोष सिंह, संजय गुप्ता, चंचल चौबे, अमित प्रजापति, पप्पू पाल, हरिकेश कनोजिया आदि ने भी चौरी चौरा के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया और कहा कि कि चौरी चौरा जनविद्रोह की वजह से सम्पूर्ण भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में नई चेतना आई।