उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट।रेलवे स्टेशन व ट्रेनों मे पुनः स्थापित हुआ अवैध वेण्डरों का एकक्षत्र राज, कभी भी घट सकती है ट्रेनों मे कोई बड़ी अप्रिय घटना , रेलवे प्रशासन बना मूकदर्शक,
जी हां हम बात कर रहे हैं मानिकपुर के रेलवे स्टेशन की जहां कोरोना काल के चलते देश में लगभग सभी ट्रेनो की आवाजाही बन्द हुई थी पर जब ट्रेने पुन: चालू हुई तभी इन अवैध वेंडर जिनका ना तो रजिस्ट्रेशन है और ना ही कोई ठौर ठिकाना यह स्टेशन के चारों तरफ से ट्रेन के आने पर यात्रियों को ऐसे घेरते है जैसे मधुमक्खी अपने छत्ते को तथा ये लोग अपना घटिया सामान यात्रियों को देकर उनसे मनमाना पैसा वसूलते है एवं मना करने पर यात्रियों से झगड़ा करने से भी बाज नही आते | अब प्रयागराज जं. से कटनी जं. तक लगभग हर ट्रेनों में अवैध व दूसित सामग्री बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है |
अब इन अवैध वेण्डरों के मेन सरगना ने पुनः अपना काला साम्राज्य पुन: स्थापित कर दिया हैं | इन अवैध वेण्डरों का मेन सरगना का प्रयागराज से लेकर कटनी के बीच लगभग सभी रेलवे स्टेशनों मे अपना साम्राज्य चन्द भृष्ट अधिकारियों, जिनमें रेलवे के आर0पी0एफ0 पुलिस व जी0आर0पी0 पुलिस को महीने में लाखों रुपये देकर सीधे-सीधे सरकार को लाखों का नुकशान पहुॕचा रहे हैं |जिसके कारण अवैध वेण्डरों का सरगना बिना किसी भय के अपनी अवैध सामग्रियों को अपने गुर्गों के माध्यम से लगभग सभी रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों मे बिचवाते हैं |
यह अवैध वेण्डर रेल यात्रियों को घटिया किस्म का सामना मंहगे दामों पर बेचते हैं ,अगर कोई यात्री इनका विरोध करता है तो यह लोग उनसे मारपीट करने में लेस मात्र संकोच नहीं करते, ऐसे लोगों द्वारा ही आये दिन ट्रेनो मे कीमती सामानो की झपट व लूटपाट की वारदात को भी की अंजाम दिया जाता है | कई बार तो ट्रेन डकैतियों मे भी ऐसे अवैध लोगों का नाम तक आता है |
फिर भी रेलवे प्रशासन व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में जू तक नही रेगती कारण महीने में लाखों रुपये का लेन- देन उनकी आंखों को बंद किये रहता हैं |
अब देखना यह है कि देश की मोदी सरकार रात्रि तो ओ के स्वास्थ्य व जान-माल की रक्षा के लिए क्याकदम उठाती है |तथा रेलवे के ईमानदार वरिष्ट अधिकारी या वरिष्ठ पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी खबरों को संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई करते हैं या फिर ऐसे ही अपने स्वास्थ्य एवं जानमाल के साथ खतरे में ही सफर करते रहेंगे |
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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