उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ खनऊ मार्च 2021 बीती को रात में शहर में दो सौ स्थानों पर दो घण्टों के लिये सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। जिसमें मास्क, हेलमेट और तीन सवारी आदि की चेकिंग की गयी। इस दौरान संयुक्त पुलिस कमिश्नर नवीन अरोडा ने भी भ्रमणशील रहकर इस चेंकिंग अभियान की सच्चाई को देखा। साथ ही मातहतों को आवश्यक निर्देश भी दिये। इस दौरान बाजारखाला क्षेत्र के अर्न्तगत मिल एरिया पुलिस चौकी के पास भी दो पहिया वाहनों की चेकिंग की गयी। जहां चेकिंग कर रहे दरोगा आशीष पाण्डेय कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाते दिखायी दिये। खुद बिना मास्क के दूसरों की मास्क पहनने की नसीहत और चालान काटते दिखे। वही पर इनके उच्च अधिकारी जेसीपी नवीन अरोड़़ा मास्क लगाये थे और दरोगा बिना मास्क के थे। जेसीपी नवीन अरोड़़ा जैसे सुलझे और कर्तव्य निष्ठ अधिकारी ही जब अपने कर्मचारियों को कोविड प्रोटोकॉल न समझा पाए तो आम जनता को क्या समझायेंगे इस तरह के अभियान केवल समाज और अपने वरिष्ठ अधिकारीयों की नजर में अपने नम्बर बढ़वाने का माध्यम भर हैं अगर ऐसा नहीं होता तो जेसीपी की नजर दरोगा जी पर पहले ही पड़ती और उन्हें इस नियम की जानकारी दी जाती। केवल दो पहिया वाहनो की चेकिंग से यही लग रहा है कि कोरोना फैलाने में केवल दो पहिया वाहन चालको का ही योगदान है। वही पर सभी स्थानों पर दुकानदार ग्राहक आदि कोई भी मास्क का प्रयोग नहीं कर रहा है। पुलिस को कोविड प्रोटोकाल के पालन में इन पर भी ध्यान देना चाहिये। नब्बे प्रतिशत के आस-पास खुद पुलिसकर्मी मास्क का प्रयोग नही करते है। उच्चाधिकारियों को पहले पुलिस को ही कोविड प्रोटोकाल के पालन की नसीहत देनी चाहिये। ताकि पुलिस की फजीहत न हो। दो पहिया वाहनों की चेकिंग का एक मात्र उद्देश्य केवल वसूली बन कर रह गया है। वही पर कार, आटो टैम्पों वालों की कोई चेकिंग लखनऊ पुलिस नहीं करती है।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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