*श्रवणक्षेत्र में सजने लगीं दुकानें, चमकाए जा रहे नदी के घाट*

राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि अम्बेडकर नगर

अंबेडकरनगर: धार्मिक क्षितिज पर मातृ-पितृ भक्त का प्रतीक तथा श्रवण कुमार की निर्वाण स्थली श्रवण धाम पर अगहन पूर्णिमा के दिन लगने वाले तीन दिवसीय अंतर्जनपदीय मेले का आगाज 19 दिसंबर से हो रहा है। इस बाबत स्थानीय स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों व गैर प्रान्तों की दुकानें सजने लगी हैं। मंदिरों का रंगरोगन कर तथा संगम तट व सीढि़यों, घाटों की सफाई कर इसे चमाचम किया जा रहा है। उक्त धाम कटेहरी ब्लाक की ग्राम पंचायत चिऊटीपारा में तमसा नदी के संगम तट पर स्थित है।
यहां प्रतिवर्ष अगहन पूर्णिमा को तीन दिवसीय अंतर्जनपदीय मेला लगता है। यह मेला अब पांच दिनों तक चलता है। यहां स्थित छोटे बड़े दर्जनों मंदिर हैं। मेले के मद्देनजर मुख्य मंदिर तथा अन्य मंदिरों के पुजारी, संत-महात्मा अपने शिष्यों के साथ मंदिरों का रंग-रोगन व सफाई कर परिसर को चमाचम बनाने में जुटे हैं। प्रतिवर्ष मेले में सहयोग करने वाले स्थानीय लोग मेलार्थियों, श्रद्धालुओं के ठहरने, पेयजल, प्रकाश, अलाव आदि की व्यवस्था करने में लगे हैं। मेले में अयोध्या, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, बाराबंकी, लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, जौनपुर के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान के दुकानदार पहुंचे हैं। झूला, मौत का कुआं, थिएटर, मिठाई, लकड़ी के सामानों आदि की दुकानें सजाने में लगे हैं।राजा दशरथ ने श्रवण कुमार को मारा था बाण: किवदंती है कि त्रेता युग में महात्मा श्रवण कुमार अंधी मां चंद्रकला तथा पिता उद्यान ऋषि को कांवर में बैठाकर पैदल चारों धाम की यात्रा के लिए यहां पहुंचे थे। इस बीच उनके माता-पिता ने पानी पीने की इच्छा जताई। श्रवण कुमार ने कांवर रखकर पानी लेने तमसा तट पर पहुंचे। कमंडल को नदी के पानी में डूबने से आवाज हुई। इस बीच शिकार पर आए अयोध्या के राजा दशरथ ने हिरन समझकर शब्दभेदी बाण छोड़ दिया। बाण श्रवण कुमार को जा लगा, इससे उन्होंने प्राण त्याग दिया। यह देख परेशान राजा दशरथ क्षमा याचना के लिए प्रस्तुत हुए तो उक्त दंपती ने उन्हें शाप दे दिया। इसी का प्रतिफल था कि राजा दशरथ को भी पुत्र वियोग में अपना प्राण त्यागना पड़ा। निजी मद से श्रद्धालुओं के खाने, ठहरने, प्रसाद, अलाव, मेले की तैयारियां आदि की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन व ग्राम पंचायत स्तर से कोई मदद नहीं की गई है। औपचारिकता के तौर पर मेले के दिन प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की जाती है।
राजपत्ती देवी उर्फ बच्चीदास, महंत मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं, मेलार्थियों, दुकानदारों के लिए व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होने पाएगी। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का भरोसा दिया है।

रिपोर्ट-अरविंद कुमार राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि टाण्डा अम्बेडकर नगर