बच्चों के जन्म में अंतर रखने में कारगर-सुरक्षित है अन्तरा

उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट: परिवार में खुशहाली लाने के साथ ही तमाम तरह की शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका है। यही नहीं नए गर्भनिरोधक साधनों में महिलाओं की पहली पसंद त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा बना है। जहां यह बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बेहद कारगर व सुरक्षित है, वहीं गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से भी रक्षा करता है। यह कहना है परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ आर के चैरिहा का।

डॉ. चैरिहा का कहना है कि बार-बार गर्भपात व कमजोरी जैसी दिक्कतों से निजात पाने और परिवार में खुशहाली लाने के लिए परिवार नियोजन के नए साधन अपनाने में ही समझदारी है। वर्तमान में दो नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन व छाया गोली उपलब्ध हैं। दोनों एक ओर दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, वहीं इनके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है। उन्होने बताया की छाया गोली के सेवन से माहवारी सामान्य होती है तथा ज्यादा दिनों के अंतराल पर होती है। इससे रक्तस्राव कम होता है, जो एनीमिक महिलाओं के लिए लाभकारी है। अंतरा में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स होता है जो गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से बचाव में सहायक है। बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार जिले में 18 से 49 वर्ष की 12.7 प्रतिशत महिलाओं को बच्चे नहीं चाहिए, पर जानकारी के अभाव में वह परिवार नियोजन का कोई साधन इस्तेमाल नहीं कर रहीं हैं। ऐसे में अलग-अलग खूबियों वाले परिवार नियोजन के दो नए साधन महिलाओं को स्वेच्छा से ज्यादा गर्भनिरोधक विधियों में से कोई एक विधि चयन करने का अवसर प्रदान करते हैं। डाॅ चैरिहा के अनुसार त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा व छाया गोली काफी सुरक्षित व असरदार हैं और महिलाओं को खूब पसंद आ रही है। यह दोनों साधन जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुसार जनपद में 2,608 स्ट्रिप छाया गोली व 972 अंतरा इंजेक्शन के डोज इस्तेमाल कर लोग परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

——छाया बनी सहेली——

डॉ चैरिहा ने बताया कि छाया हार्मोन रहित एक गर्भनिरोधक गोली है। यह बाजार में सहेली के नाम से भी उपलब्ध है। इसके उपयोग का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसीलिए अन्य गर्भनिरोधक गोलियों की तरह उल्टी होना, वजन बढ़ना, सूजन, अधिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं इसमें नहीं होती। बच्चों के जन्म में अंतराल रखने के लिए यह गोली एक बेहतर विकल्प है। इसे स्तनपान कराने वाली व स्तनपान न कराने वाली सभी महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं। ध्यान रहे छाया गोली की शुरुआत करने से पहले महिला की डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है।

—–कब लें छाया गोली—–

छाया की पहली गोली की शुरुआत माहवारी के पहले दिन से ही करना चाहिए तथा पहले तीन महीने तक सप्ताह में दो दिन और तीन माह बाद सप्ताह में सिर्फ एक बार खानी होती है। इसे गर्भवती को छोड़कर 15 से 49 वर्ष की महिलाएं, कोई भी महिला जिसे बच्चे हों या न हों व जिन महिलाओं को माला-एन अथवा माला-डी से दुष्प्रभाव हुआ हो इसे चुन सकती हैं। इससे माँ के दूध की मात्रा या गुणवत्ता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

—-अंतरा है बेहद कारगर व सुरक्षित—

अंतरा प्रत्येक तीन महीने पर इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है, जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली नहीं खा सकतीं वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। यह लंबी अवधि तक गर्भधारण से बचाता है तथा दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में सहायक है। इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है। अंतरा इंजेक्शन बांह, कमर या कूल्हे में डॉक्टर या प्रशिक्षित नर्स द्वारा लगाया जाता है। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला को उस जगह की मालिश या गरम सेंक नहीं करनी चाहिए। इसे किशोरावस्था से लेकर 45 वर्ष की महिलाएं, जिन्हें हाल ही में गर्भपात हुआ हो, स्तनपान कराने वाली महिला (प्रसव के छह सप्ताह बाद), एचआईवी से संक्रमित महिला चाहे इलाज करा रही हो अथवा नहीं लगवा सकती है।

—–अंतरा के सामान्य प्रभाव—–

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रफीक अंसारी का कहना है कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ के विकास के लिए तैयार होता है। इसके लिए एक अंडा निकलता है और गर्भाशय की अंदरूनी सतह मोटी व मुलायम हो जाती है एवं ज्यादा रक्त का संचार होता है । गर्भधारण न करने पर अंदरूनी सतह टूटकर माहवारी के रूप में शरीर से बाहर आ जाती है। यह प्रक्रिया हर माह दोहराई जाती है। वहीं अंतरा इंजेक्शन के बाद हर माह गर्भाशय तैयार नहीं होता है, कोई अंडा नहीं निकलता एवं गर्भाशय की परत भी मोटी नहीं हो पाती। इसकी वजह से कुछ समय माहवारी अनियमित होने के साथ बंद भी हो जाती है। इससे यह पता चलता है कि अंतरा सही ढंग से काम कर रही है तथा यह नुकसानदायक नहीं है और सुरक्षित हीद्य जब महिला पुनः गर्भधारण करना चाहेगी और अंतरा विधि को बंद करेगी तो माहवारी चक्र पुनः शुरू हो जाएगा ।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट