उत्तर प्रदेश ( राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि) जौनपुर
शौक झूठे अमरत्त्व का…..
मैं अब फोटो नहीं खिंचवाऊँगा
अखबार में छपने को….
चित्र नहीं बनवाऊँगा
फोटो फ्रेम में मढ़ने को….
या फिर मढ़कर,
किसी खूंटी पर टँगने को…..
मोबाइल से सेल्फी भी नहीं लूँगा
सोशलमीडिया में वायरल होने को
वीडियो भी नहीं बनवाऊँगा
फेमस होने को…. क्योंकि….
मुझे भान हो गया है
इस बात का कि…..
झूठे अमरत्व का शौक
छुप नहीं पाता और
समाज छुपाने भी नहीं देता…
वास्तव में यह शौक
उस दिन बहुत कष्ट देता है
जब फोटो में या वीडियो में
साथ रहने वाला
साथ छोड़ जाता है और
अपनी यादें छोड़ जाता है
सदा के लिए…..
तमाम यादों को समेटे हुए
तस्वीर,फोटो और चलचित्र
मन-मस्तिष्क और हृदय
दोनों को देते हैं आघात…..
तैयार होता है एक शून्य….और…
न भर सकने वाला घाव….
चित्रहार औऱ जीवन के सब रंग
बेरंग से दिखते हैं….
सच….झूठे अमरत्त्व का….
सामने होता है …और….
जगत नियन्ता का निर्णय
स्वीकार ही करना पड़ता है…..
मित्रो….मैं बचना चाहता हूँ
ऐसे झूठे अमरत्त्व के शौक से….
और बहुत सरल सा
उपाय सोचा है कि….
भीड़-भरी बाजार में
अलग दिखने-दिखाने से,
अखबार में छपने-छपाने से
कहीं अच्छा होगा…..
उस फकीर की तरह मरना….
जो जिंदा था बस एक चादर में
मगर मरने के बाद…..
रोज चादर चढ़ाने आते हैं
लोग उसकी मज़ार पर….
रचनाकार…..
जितेन्द्र कुमार दुबे
अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी नगर,जनपद-जौनपुर
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