*सत्य से बड़ा कोई पुण्य नहीं: श्रवण महाराज*

*मारकुंडी में आयोजित शुक्ला परिवार द्वारा श्रीमद्भागवत कथा में उमड़े लोग*

 

*सभी वेद पुराणों का तत्व है श्रीमद् भागवत कथा*

 

उत्तर प्रदेश(दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: सत्यम परम धर्मः अर्थात सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जीव के सभी पाप, ताप, संताप नष्ट हो जाते हैं। सभी वेद पुराणों का तत्व है श्रीमद् भागवत कथा। ये प्रवचन रविवार को मारकुंडी में लक्ष्मी प्रसाद शुक्ला के निवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिवस पर श्रवण महाराज ने दिए। कथा के अंतिम दिन दिल्ली से पधारे कथा प्रवक्ता श्रवण महाराज के मुखारविंद से कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान गंगा में बड़ी संख्या में लोग डुबकी लगाई। प्रवचन के दौरान महाराज ने कहा कि भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। भगवान भाव के भूखे होते हैं। भगवान को जो प्रेम से याद करता है। भगवान प्रकट हो जाते हैं। भगवान शिव के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। भले ही अपने पास कुछ न हो। भगवान को भक्ति का प्याला पिलाते रहना चाहिए, जबकि आज के समाज की स्थित बिल्कुल विपरीत होती जा रही है।

कथा प्रवक्ता श्रवण महाराज ने परम धर्म का निरूपण करते हुए बताया कि सत्य ही सबसे बड़ा धर्म है। सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं और असत्य से बड़ा कोई अधर्म नहीं। सत्य का एक दूसरा नाम प्रेम भी है। उन्होंने ने कहा जीवन में प्रेम लाओ और सभी से प्रेम करो। सत्संग यानि की सत्य का संग। सत्य ईश्वर है इसलिए उसका संग करने से मनुष्य जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। मनुष्य के लिए भगवान से बड़ा सहारा कोई नहीं हो सकता। उसका साथ है तो किसी और की जरूरत नहीं है। मारकुंडी में शुक्ला परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन बड़ी संख्या में आसपास क्षेत्र के लोग कथा श्रवण करने पहुंचे।भगवान के नारों के गूंज से पूरा परिसर भक्तिमय हो गया।

 

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट