उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट: मानिकपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सकरौहा निवासी ब्राह्मण परिवार पप्पू त्रिपाठी के आंख में आंसू और परिवार की चिंता साफ -साफ दिखाई देती हैं। पप्पू त्रिपाठी जो इस समय टीवी रोग से ग्रसित है ,जीवन की आर्थिक तंगी ने इस कदर घुटनों पर ला दिया है, की दो टाइम का भोजन भी नसीब नहीं हो रहा है। मकान जर्जर अवस्था में हैं और भी धराशाई हो सकता है ,पन्नी और तिरपाल के सहारे ठंड में गुजारा हो रहा है। गरीब परिवार ने कहा शायद हमें सरकार ब्राह्मण होने की सजा दे रही हैं ,अगर आज हम भी अन्य जातीं के होते तो शायद हमें भी आवास मिल जाता।
—कर्जे में दबा परिवार—
बीमारी की तंगी होने के कारण उपचार कराने में परिवार ने कमी नहीं छोड़ी और जीवन भर की कमाई उसी में खपा दी। पप्पू त्रिपाठी के तीन भाइयों की बीमारी कारण पहले ही मृत्यु हो गई है, अब पप्पू भी उसी बीमारी की चपेट में हैं। पिता ने जमीन गिरवी रख कर बेटो का इलाज कराया इसके बाद 2020 में उनकी मृत्यु हो गई । पप्पू की मां ने बताया पूरा परिवार घुटनों पर आ गया है सब कुछ लुट चुका है, अब तो लाखों रुपए का कर्ज भी है ,कंगाली से उबरने के लिए मदद की गुहार अब प्रशासन और सरकार से लगाई है।
बेटे से इस संबंध में बात की गई तो मां के दोनों आंखो से आंसू टपकने लगे। बूढ़ी माँ ने कहा तीन बेटे खो चुकी हूँ, चैथा बेटा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, हालत बहुत खराब है। जमीन गिरवी रख कर बच्चों का दवा कराया लेकिन बच्चों की जिंदगी नहीं बचा पाई, अब तो हालात ऐसे हैं की हम लोगों के खाने तक के लाले पड़ गए हैं। राशन भी मिलता था लेकिन गांव से अधिक दूरी पर राशन बँटने के कारण ,किराया भाड़ा न होने पर राशन भी छूट जाता है।
—-पिता की आर्थिक तंगी से पढ़ाई छूटने का दर्द बया किया ज्ञानती त्रिपाठी ने—
मानिकपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सकरौहा पप्पू त्रिपाठी की बेटी जो कक्षा आठ की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण सरकारी स्कूल से किताबें तो मिल गई लेकिन कॉपी -पेन ना होने के कारण बेटी ज्ञानती त्रिपाठी ने पढ़ाई छोड़ दी। अपनी पढ़ाई छूटने का दर्द नम आंखें से पूरा हाल बयान किया। ज्ञांती ने कहां पढ़ लिखकर मैं भी इंजीनियर बनना चाहती हूं,लेकिन पिता की आर्थिक तंगी के कारण शायद मेरा सपना, सपना ही रह जाएगा। ज्ञांती ने कहा शायद हम लोग ब्राह्मण हैं इसीलिए हमारी कोई मदद नहीं कर रहा हैं।
—सरकारी योजनाएं ज्ञांती त्रिपाठी के परिवार से दूर—–
पिता के पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है,लेकिन गरीबों के नाम पर बनी सरकारी योजनाएं ज्ञांती के घर की चैखट से दूर है। गरीब परिवार को ना प्रधानमंत्री आवास न ही मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला। इतना ही नहीं पप्पू त्रिपाठी की छोटी बेटी का पैसे के अभाव के कारण आजतक आधार कार्ड भी नहीं बन पाया।
*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव
*जनपद* चित्रकूट
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