उत्तरप्रदेश (दैनिक कर्मभूमि)नसीराबाद,रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन का सपना लेकर केन्द्र व प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार में गांवों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। विदित हो कि शासन द्वारा प्रत्येक गांवों में सफाई कार्य के लिए सफाई कर्मचारी तैनात किये गये हैं। ताकि गांवों में निरंतर सफाई हो सके। वहीं उनकी निगरानी के लिए ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों का पहरा भी लगा दिया गया। लेकिन इन सबके बावजूद भी गांव में सफाई व्यवस्था दम तोड़ रही है। जहां आज का आलम यह भी है कि गाँवो मे तैनात सफाई कर्मी गांवों तक ना पहुंच कर ग्राम प्रधानों एवं ब्लॉक कार्यालय की चौखट पर माथा टेकते हुए सिर्फ कागजी कोरम को पूरा करते हुए तनख्वाह उठा कर मौज कर रहें है। जिससे गांवों में लगे कूड़े कचरे के ढेर को ग्रामीण स्वयं साफ सफाई करने को विवश है। विकास खण्ड छतोह के ज्यादातर ग्राम पंचायतों में जगह-जगह कूड़े कचरे का ढेर लगा हुआ हैं। लेकिन उसकी सफाई नही हो रही है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सफाई को लेकर कई बार ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की गयी। लेकिन शिकायत का कोई असर नही हो रहा है। गांव में सफाई कर्मचारी कौन है। आलम यह है कि ग्रामीण स्वयं सप्ताह मे एक दिन खुद घर के सामने बनी नाली की सफाई करतेे हैंं गांव मेंं सफाई नहीं होती है। जिससे कि सफाईकर्मी की तैनाती होने या नही होने से कोई फर्क नही पड़ता है। सफाईकर्मी ब्लाक में प्रधानों के चौखट पर हाजिरी लगा कर सिर्फ कागजी कोरम को पूरा कर सफाई कर रहे है। सफाईकर्मी की उपस्थित सिर्फ अफसर के रजिस्टरों में है।धरातल पर गावों की सफाई एकदम शून्य है।
जिला ब्यूरोचीफ श्रवण कुमार सरेनी रायबरेली
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