डीएम ने ली मुख्यमंत्री बाल सेवा समिति की बैठक

राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) चित्रकूट। जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री बाल सेवा समिति के संबंध में जनपद स्तर पर गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।

जिला प्रोबेशन अधिकारी रामबाबू विश्वकर्मा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए विगत एक वर्ष से देश व प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है। जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता-पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण प्रभाव से मृत्यु हो गई तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हें अपनाना न चाहे, अपनाने में सक्षम न हो कि भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना है। जिसमें 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता तथा पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता-पिता में से एक की मौत एक मार्च 2020 से पूर्व हो गई थी तथा दूसरे की मृत्यु महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पूर्व हो गई थी तथा उनके वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो सभी बच्चों को शामिल किया गया है। जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता-पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपए प्रति वर्ष से अधिक न हो इसमें से दो श्रेणियों में आने वाले बच्चों को ही योजना का लाभ दिया जाएगा। जिसमें 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के बैंक खाते में 4 हजार रुपए प्रतिमाह की धनराशि देय होगी, बशर्ते औपचारिक शिक्षा के लिए उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हैं एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में आवासीय कराए गए हो उनको कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश कराया जाएगा। 11 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा के लिए आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश कराया जाएगा। विद्यालयों की 3 महीने की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपए की दर से कुल 12 हजार रुपए की धन राशि प्रतिवर्ष वैद्य संरक्षण जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी तथा यह धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक जो भी पहले हो ही देय होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड-19 कारणों से अपने माता पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हैं। शिक्षा प्राप्त कर रहे हो या नीट जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं अथवा जिनकी माता तलाकशुदा स्तरीय परित्यक्ता है अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य करता जेल में है अथवा ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य का मुख्य उद्देश्य है। 0 से 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों, माता या पिता में से किसी एक की अथवा अभिभावकों की मृत्यु 1 मार्च 2020 के पश्चात हुई है। को इस सम्मान योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि जो शासन से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं, उसी के अनुसार जिन अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं, उनका अच्छी तरह से सत्यापन कराकर लाभ दिलाया जाए। मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि जो आवेदन पत्र कोविड-19 व सामान्य योजना के अंतर्गत प्राप्त हुए हैं, उसकी जांच करके लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई है तो उनको बरीयता में लिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जो लाभ दिया जाना है, उसका प्रचार-प्रसार कराया जाए क्योंकि इस योजना का प्रचार-प्रसार नहीं कराया गया है। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी से कहा कि इसके प्रचार-प्रसार के संबंध में उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, खंड विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजा जाए कि इस योजना में क्या-क्या लाभ मिल सकता है तथा योजना के लाभ का बोर्ड भी लगवाया जाए। उन्होंने कहा कि बैठक करा कर इस योजना का लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट