उत्तर प्रदेश (दैनिक कर्मभूमि) शाहजहाँपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएस लॉ कालेज की एलएलएम छात्रा से स्वामी चिन्मयानंद पर दुराचार एवं पीड़िता छात्रा के खिलाफ लगे ब्लैकमेलिंग के आरोपों की एसआईटी द्वारा जांच के तरीके को सही ठहराया है। तथा पीड़िता छात्रा द्वारा जांच प्रक्रिया पर उठाये गये सवालों को खारिज कर दिया है। पीडिता ने थाना लोधी रोड नई दिल्ली में की गयी शिकायत की अलग से जांच करने की मांग को यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है कि एसआईटी ने पीड़िता के बयान व शिकायतों के आधार व सभी पहलुओं पर विचार करते हुए अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। जिस पर कोर्ट नियमानुसार कार्यवाही करेंगी। कोर्ट ने पीड़िता की तरफ से बाथरूम में नहाते हुए स्वामी चिन्मयानंद द्वारा ली गई उसकी तस्वीर की अलग से जांच कराने की मांग को भी खारिज कर दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लापता छात्रा केस की मानीटरिंग के लिए गठित जनहित याचिका सुनवाई करते हुए दिया है। आपको बता दे कि एसएस ला कालेज की एलएलएम छात्रा 24 अगस्त 2019 से लापता हो गई थी। उसने सोशल साइट पर वीडियो डालकर पीएम मोदी व सीएम योगी से गुहार लगाई थी। इस खबर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लडकी की तलाश करने का सख्त निर्देश दिया था। 2 सितंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह विशेष जांच टीम गठित कर लापता लड़की को कोर्ट में पेश करें।एसआईटी ने राजस्थान से लड़की को अपने दोस्तों के साथ बरामद किया और सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।
रिपोर्ट विजय सिंह शाहजहांपुर
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