अलख ज्योति साधकों ने घर के बाहर पौधारोपण कर ग्रीनसीटी बनाने का संदेश दिया

राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छबड़ा अलख ज्योति योग केंद्र की ओर से पौधरोपण कर किसानों से भावी बीमारियों से बचने- बचाने के लिए पौधों के रूप में औषधियों का पौधरोपण करनें का किया आवाहन शंकर लाल नागर कार्यकारी अध्यक्ष अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र,अमीरपुर खेड़ी श्री हनुमान सिद्ध साधना आश्रम पर रविवार प्रातः ओंनलाइन सत्संग सभा हुई आयोजित।सत्संग सभा में मोबाईल विडिओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ज्वलन्त समस्याओं पर हुआ सत्संग,सभा में महन्त सेवानन्द पुरी महाराज ने कहा कि *मनुष्य का वर्तमान ही भूत ओर भविष्य निर्धारित करता है* संसार भर में अभी संक्रमित समय चल रहा है विश्व व्यापी कोरोना महामारी के चलते सभी सामाजिक,आर्थिक,धार्मिक सत्संग गतिविधियों पर विराम सा लग गया है।चार मासा चौमासा सभी धर्मों के सन्त,महन्त ओर पीर,फखीरों ओर धर्मों के अनुयायियों के द्वारा प्राणियों में आपसी प्रेम,भाईचारा ओर सद भावना तथा चारित्रिक ओर नैतिक शिक्षा भरा होता था इस समय श्रावण,भादों के महीनें में कई तीज,त्यौहार,पर्व उत्सव राष्ट्रीय त्यौहार भी आते है ओर साधु,सन्तो के कथा,प्रवचन भी शहर और ग्रामीण क्ष्रेत्रों में चलते थे जिससे आम जन सीख लेता था ओर सत्संग सभाओ से भावी पीढ़ी के उसके ऊपर प्रभाव से समाज और देश के उज्ज्वल भविष्य के रूप में अच्छे लोगों का सत्पुरुषों का जन्म और निर्माण होता रहता था परंतु इस समय कलयुगी कोरोना वाइरस के बढ़ते प्रभाव ने सभी सामाजिक,धार्मिक और सामूहिक गतिविधियों पर विराम लगा दिया है।मनुष्य ही नही सभी प्रकृति रत जीव संक्रमित बीमारी के भय से ग्रस्त है वर्तमान में आम आदमी घर और बाहर विरानें में जीवन जी रहा है या जीनें लगा है उसे हर एक शक्श के घर,बाहर पास आते ही कोरोना का डर सताने लगता है परंतु जीवन जीने ओर आर्थिक क्रिया कलापों के चलते जिंदगी की दाल-रोटी की प्राप्ति हेतु भाग-दौड़ जारी है।सन्त पुरी महाराज ने अपने सत्संग सम्बोधन में कहा कि कोरोना से आम लोगों को सबक लेना चाहिए कि हम कुछ नही है सबकुछ परमात्मा है,जो दीख रहा वो कुछ का कुछ जो नही दिख रहा वो ही सब कुछ मानना होगा। आज का व्यक्ति काम,क्रोध,लोभ,मोह ओर मद में इतना अंधा हो चुका है कि उसे प्रतिदिन अपराध करनें में ही आनन्द की अनुभूति हो रही है ओर दोष दूसरे में दिख रहे है ओर स्वयं को सतोगुणी समझ रहा है।

पवित्र आत्मा से किया सत्संग हमें त्याग,तमस्या का मार्ग प्रशस्त कर तप,सेवा,सुमरण ओर समपर्ण की बात सिखाता है जिससे मनुष्य के मन की मानसिक विकृतियां नष्ट होती है और वो सर्व समाज के लिए उपयोगी बनता है। पंडित परमानंद दास शर्मा ने कहा की आज के आदमी के प्रकृति बदल रही है हम अवगुणों को तो सत्संग से गुणों मे बदल सकते है परन्तु स्वभाव से आये अवगुणों को नही बदल सकते क्योकि स्वभाव का निर्माण निरन्तर एक जैसे कर्म के करते रहने से स्मृति में उसके प्रभाव पड़ अमिट हो जाते और अवसर पाकर वो बलवान हो समयानुसार अच्छे-बुरे कर्म में प्रकट हो जाते है जैसे मांसाहारी बिल्ली दुग्ध पीती है परंतु चूहा देख मचल जाती है और आत्म संयम नही रख पाती और चूहे की हत्या कर देती है वैसे ही आज मनुष्य का स्वभाव हो चुका है वर्तमान शिक्षा प्रणाली भौतिक वाद की ओर बढ़ रही है जहां *”बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया”* की युक्ति लोगों के ज्यादा समझ में आ रही है *आज सब लेना चाहते है देना कोई नही चाहता* यही भावना भविष्य में देश और दुनियां के लिए विनाश का कारण बनेगी।लोगों का आहार विहार आचार विचार भी आधुनिक युग में बदल रहा है जीभ ओर मन के क्षणिक आनंद के लिए शाकाहारी मनुष्य शराब और मांसाहार का सेवन कर रोगों को पवित्र शरीर में आने के लिए आमंत्रण दे रहा है और अपने आप को कालनेमी बन सन्त बता रहा है कोरोना ऐसे ही लोगो के लिए धरती पर आया है जो किसी न किसी रूप में देर सवेरे आज नही तो कल पापाहारी हत्याचारी के लिए विनाशकारी होगा।आज हमें बचना है ओर उत्तम सामाजिक जीवन जीने की इच्छा है तो हमें हर हाल में रजोगुणी ओर तमोगुणी से सतोगुणी की ओर बढ़ना है नही बड़े तो माल्थस के जनसंख्या सिद्धान्त के अनुसार प्रकृति स्वयं कोरोना जैसी विधि से मानवीय गतिविधियों को नियंत्रित करेंगी।अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष एस.एल.नागर ओर उपाध्यक्ष बी.एल.सुमन तथा सदस्य हरीश मेहरा,पुष्पेंद्र धाकड़ ने अमीरपुर खेड़ी आश्रम में पौधारोपण कर कहा कि विश्व विनाश के कंगार पर खड़ा है सभी देश अणु परमाणु शक्तियों से ओतप्रोत है चीन,पाकिस्तान जैसे देश मानवता के लिए खतरा बनें हुए है किसी भी समय इन जैसे देशों की निशाचरी माया देश,दुनियां को विश्व युद्ध के मोड़ पर खड़ा कर देगी,माखनलाल चतुर्वेदी की रचना हमें भौतिक वाद के बढ़ते प्रभाव की ओर इसारा करते हुए बता रही है कि संसार में किसी देश की गलती से तृतीय विश्व युद्ध हुआ तो चौथा विश्व युद्ध मानवीय रोटी,कपड़ा और मकान के अस्तित्व की लड़ाई के लिए पत्थरों ओर लाठियों से लड़ा जावेगा यानि तृतीय युद्ध हुआ तो मानवता के विकास की यह विकसित सभ्यता युद्ध में नष्ट होकर पुनः वही चली जायेगी जहां से चली थी ओर कुछ नही बचेगा पृथ्वी शून्य में विलीन हो जावेंगी।हमें अच्छा जीवन जीना है तो स्वार्थ छोड़ परमारथ की ओर बढ़ना चाहिए और जीवों की हत्या के स्थान पर उनका रक्षण ओर पोषण करना चाहिए कॉन्फ्रेंस में नागर ने किसानों से कीटनाशक दवाओं से बचने और जैविक ओर यौगिक कृषि की ओर कदम बढ़ाने का आवाहन किया,वातावरण के शुद्धिकरण के लिए आश्रम पर पौधरोपण कर स्थानीय लोगों से जंगलात की खाली पड़ी भूमियों पर अतिक्रमण नही करने तथा चरागाहों की भूमि को जानवरों के विचरण के लिए मुक्त करनें की बात कही साथ ही किसान भाइयों से वर्षात के दिनों में अपने पूर्वजों की याद ओर स्मृति में अपने खेत ओर खलियान में उपयुक्त जगह देख 5 छायादार तथा 5 फलदार पेड़,पौधे लगाने ओर खेती-बाड़ी की मेड़ो पर भी ओषधियाँ के पौधे लगाने को कहा गया।समापन पर कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क लगाने,हाथों को साबुन से धोने,घर को सेनिटाइजर से स्वच्छ करनें तथा सोसियल डिस्टेंस का पालन करनें की सलाह देकर कहा कि वैज्ञानिक कोरोना महामारी के बचाव के तरीके की खोज करें तब तक आप स्वयं बचाव का रास्ता अपना कर अपनी ओर अपनों की सुरक्षा का ध्यान रखें, रोगी होकर अस्पताल जाने से अच्छा है कोविड-19 गाइड लाइन का पालन कर घर मे रहना।अलख ज्योति साधकों ने मारुति नगर में एक के घर के बाहर पौधा लगाकर छबड़ा को ग्रीनसीटी बनाने के लिए घर के अंदर गमलों में ओर बाहर सड़क किनारे पौधारोपण करनें का आव्हान भी किया गया।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद