विदेश(दैनिक कर्मभूमि):-नेपाल जिस तरह भारत विरोधी बाते और कार्य कर रहा है उसी वजह से भारत और नेपाल के वर्षों पुराने रिश्तों में कड़वाहट आ गई है।
अब नेपाल में ओली के ऊपर भी शियाशी संकट आ गया है।
नेपाल में शीर्ष नेतृत्व में आपसी खींचतान जारी है और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच सोमवार को दो घंटे तक चली बैठक भी बेनतीजा रही। इस दौरान दोनों नेता मंगलवार को फिर से बैठक बुलाने पर सहमत हो गए। इससे पहले रविवार को भी दोनों नेताओं के बीच तीन घंटे चली वार्ता बेनतीजा रही थी।
सोमवार को हुई बैठक में पीएम ओली के साथ उनके करीबी सुभाष नेमबांग भी साथ रहे। वह दोनों नेताओं के बीच मतभेद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं प्रचंड के साथ वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल शामिल रहे।
आपको बता दे कि नेपाल संयुक्त राष्ट्र में अपना नया मैप भेज रहा है जिसमें वह भारत के कुछ क्षेत्रों को अपना बता रहा है।
यहां तक कि ओली ने हिन्दुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम को भी नेपाल में जन्मा बताया था।
रिपोर्ट :- संतोष शुक्ला
You must be logged in to post a comment.