दिल्ली(दैनिक कर्मभूमि):- आज देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की आयु में निधन हो गया।उन्हें मस्तिष्क की सर्जरी के लिए 10 अगस्त 2020 को भर्ती किया गया था। सर्जरी के बाद उन्हें जीवनरक्षा प्रणाली पर रखा गया था। इसके पहले उनकी कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी।
वे देश के तेरहवें राष्ट्रपति थे।उन्होंने 2012 में भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।आपको बता दे कि इन्हें 2019 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।अपनी जीवनयात्रा पर लिखी पुस्तक “द कोलिशन ईयर्स- 1996 – 2012” में खुद प्रणब मुखर्जी ने इस बात का खुलासा किया था कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।
उनके द्वारा लिए गए अहम फैसले
कसाब, अफजल गुरु और याकूब मेनन को फांसी राष्ट्रपति रहते हुए मुखर्जी ने आतंकवादी अजमल कसाब, अफजल गुरु और याकूब मेनन को फांसी दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने मुंबई 26/11 आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब, संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और 1993 मुंबई सीरियल धमाकों के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा पर तुरंत मुहर लगाई थी। कसाब को 2012 में,अफजल को 2013 में और आर मेनन को 2015 में फांसी दी गई थी।
देश के प्रधानमंत्री,गृहमंत्री व देश के सभी नेताओ ने उनके मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है,और इस घटना को देश की अभूतपूर्व क्षति बताया है।
रिपोर्ट:- संतोष शुक्ला
You must be logged in to post a comment.