मध्य प्रदेश( दैनिक कर्म भूमि) मध्य प्रदेश मैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात 2:00 बजे से बालू का खनन शुरू हो जाता है और सुबह होते होते ट्रैक्टर ट्राली से बिक्री के लिए खरीदारों के यहां पहुंचा दिया जाता है ।जबकि एक तरफ बाढ़ आते ही नदी के आसपास बसे गांव में अफरा तफरी का माहौल बन जाता है उस समय किसी को कुछ दिखाई नहीं देता इतना ही नहीं दोमुहान गांव के बगल में नदी का काफी कटान हो चुका है रास्ते कटते जा रहे हैं कटते कटते नदी गांव के समीप आ गयी है शासन की तरफ से ठोकर के लिए कुछ ईट के टुकड़े बांस बल्ली की व्यवस्था करके ठोकर लगाने की तैयारी में है वही बालू तस्कर इस चीज को मानने को बिल्कुल तैयार नहीं अपनी पॉकेट को गर्म करने के लिए आए दिन बालू का खनन करवाते रहते हैं और अच्छे पैसे में ले जाकर गांव में कस्बों में भेजते व बेंचते रहते हैं जिसके चलते हमेशा मालामाल हैं ।एक तरफ पार्टी की धौस भी जमाते हैं दूसरी तरफ बालू खनन करवाते हैं यदि इसी तरह बालू खनन की प्रक्रिया चलती रही तो नदी के किनारे बसे कई गांव नदी के आगोश में आ जाएंगे जिस पर काबू पाना बड़ा मुश्किल हो जाएगा समय रहते शासन और प्रशासन नहीं चेता तो आने वाले भविष्य में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।बालु के ढेर लगते है मगर कुछ ही क्षणों में यह बालू यहां से गाड़ियों से लोड होकर चला जाता है जिसका कुछ अता पता भी नहीं चलता है!
रिपोर्ट राष्ट्रीय हेड राजेश कुमार मौर्य मध्य प्रदेश
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