राजस्थान (दैनिक कर्मभूमि) बारां छीपाबडौद: मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह मीणा के संरक्षण में ब्लॉक में श्री दानमल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे गैर आवासीय 10 दिवसीय महिला शिक्षक आत्मरक्षा तकनीको पर आधारित प्रशिक्षण में सातवे दिन प्रातः योगा एवं प्राणायाम सत्र में व्याख्याता शंकर लाल नागर ने प्राणायाम में भ्रामरी ओर उदगीत का ओनलाइन विडीयो के माध्यम से अभ्यास कराया।फील्ड प्रैक्टिस में खेल मैदान में सातवे दिवस के अभ्यास में विभिन्न प्रकार के लॉक की जानकारी देकर विपरीत परिस्थितियों में महिलाओं को दुश्मन के हाथों के चंगुल से छूटने ओर उसके बंधन को मुक्त करने,हाथ तोड़नें के लिए लॉक दांव से कैसे शत्रु का हाथ तोड़ा जावें ओर विपरीत परिस्थितियों से कैसे बाहर हो के गुर की जानकारियां देकर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मास्टर ट्रेनर शारीरिक शिक्षक हेमन्त शर्मा ,महिला शारीरिक शिक्षक,लीला मेहरा संगीता गौतम शारीरिक शिक्षिकाओं नें सातवे दिन विभिन्न प्रकार के चॉक का अभ्यास कराया तथा शत्रु ओर मनचलो के आकस्मिक हमलों के समय शत्रु को गिरा दम घोंटने की प्रक्रिया ओर हाथ तोड़नें के दांव-पेचों से प्रशिक्षण ले रही शारीरिक शिक्षक महिलाओं को परिचय कराया तथा विपरीत समय बालिकाओं ओर महिलाओं को कैसे आत्मरक्षा करनी है विस्तार से समझाया गया।अल्पाहार भोजनावकाश बाद चारों कक्षा कक्षों में *सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव संबंधी जागरूकता* विषय पर वार्ताऐं आयोजित की गयीं।वार्ता में हेमन्त शर्मा शारीरिक शिक्षक, नें कहा कि किशोरावस्था में आज सोशियल मीडिया की दृष्टि से बुरा समय चल रहा है मोबाइल संस्कृति से युवा किशोर-किशोरी पढ़ाई के साथ सेक्सी दृश्य की वेबसाइटों पर जाते है वहां ज्ञान के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है यह आज बड़ा ही संवेदनशील समय है।युवाओं में जब तेज शारीरिक विकास के कारण शरीर में रजोगुण से कामुक वासनायुक्त असलील दृश्य से कुविचार उतपन्न होना संभव है ऐसे समय महिला अभिभावकों ओर महिला, पुरुष शिक्षकों को अपने होनहार नोनिहान शिष्यों को उचित मार्ग दर्शन देने की जरूरत होती है जिससे सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव के भटकाव रोकें जा सकते है।संभागीयों ने कहा कि महिला शिक्षक किशोरावस्था के दौरान होने वाले मीडिया के दुष्प्रभाव से किशोरियों को भावनात्मक सुझाव देकर समझ पैदा कर सकती है ओर पुरुष शिक्षक किशोरों के लिए नैतिक सामाजिक मूल्यों से परिचय करा किशोर अवस्था की समस्याओं में योगदान कर मार्गदर्शन कर सकते हैं।दक्ष प्रशिक्षक लीला मेहरा ने कहा कि *11 से 18 वर्ष” की उम्र, किशोरावस्था कहलाती हैं* इस उम्र में,शरीर में तेजी से परिवर्तन होते हैं और शरीर का विकास होता है किशोर-किशोरी में सोसियल मीडिया के चित्रों,शेर शाहिरी से विकार उतपन्न हो सकते है में कुशोर- किशोरियों में इस समय आकर्षण के प्रभाव ओर शारीरिक शुरुआती युवा दिनों में हार्मोनल परिवर्तन होते है ऐसे समय सोशल मीडिया के दृश्य भटकन पैदा कर सकते है सरकार को असलीलता के दृश्यों ओर वेवसाइट पर शक्त कदम उठा इसे रोका जाना चाहिए।
दक्ष प्रशिक्षिका संगीता गौतम ओर संभागी राखी गोयल ने सोसियल मीडिया वार्ता में कहा कि स्मार्टफोन एक बीमारी है नासमझ किशोर-किशोरियों में इसका दुरुपयोग सोसियल मिडिया के साईट दर्शन से शारीरिक दुष्प्रभाव उतपन्न हो सकते है अभिभावकों को समय समय पर इसे देखा जाना चाहिए।सीबीईओ प्रेम सिंह मीणा नें आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण किया इस समय संभागियों को दक्ष प्रशिक्षक लीला मेहरा,संगीता गौतम,हेमन्त शर्मा नें प्रशिक्षण सत्र की सायंकाल को पुनःअभ्यास की जांच की गई।शिविर प्रभारी सूर्यप्रकाश शर्मा नें उपस्थिति की जांच की तो सभी 96 संभागी उपस्थित मिले।
रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद
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