राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) अंबेडकर नगर
अंबेडकरनगर। कुत्तों से सावधान रहें। यदि काट लिया तो मुश्किल हो सकती है। कारण यह कि जिला अस्पताल से एंटी रैबीज वैक्सीन नदारद है। लगभग एक पखवारे से एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए मरीज जिला अस्पताल तक की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। बुधवार को भी 10 से अधिक मरीज इंजेक्शन के लिए जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन कक्ष के बाहर नोटिस चस्पा मिली, जिसमें इंजेक्शन उपलब्ध न होने की बात कही गई थी। इस पर पीड़ितों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग को उनकी समस्या को दूर करने की सुध नहीं है। उधर, जिला अस्पताल में इंजेक्शन न होने का लाभ मेडिकल स्टोर संचालक उठा रहे हैं। इससे पीड़ितों को आर्थिक चपत भी लग रही है।
एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए प्रतिदिन जिला अस्पताल पहुंचने वाले पीड़ितों को तगड़ा झटका लग रहा है। दरअसल, बीते लगभग एक पखवारे से जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन का टोटा पड़ा है। यह समस्या बीते लगभग दो माह से चल रही है। बीच बीच में एंटी रैबीज वैक्सीन जिला अस्पताल को उपलब्ध जरूर हुआ, लेकिन इंजेक्शन की मात्रा कम होने के चलते शीघ्र ही समाप्त हो गया। लगभग 20 दिन पूर्व अस्पताल को 25 वॉयल उपलब्ध हुए थे, लेकिन कुछ ही दिन बाद समाप्त हो गया। नतीजा यह है कि बीते लगभग एक पखवारे से इंजेक्शन के लिए पीड़ित अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूसी ही हाथ लग रही है।
बुधवार को भी एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए जिला असपताल पहुंचे 10 से अधिक मरीजों को मायूस होकर लौटना पउ़ा। जिला अस्पताल में अमर उजाला टीम को मिले कटेहरी के धनश्याम व शहजादपुर वंशबहादुर ने नाराजगी वयक्त करते हुए कहा कि इंजेक्शन की उपलब्धता सुचारु रूप से सुनिश्चित हो सके, इसे लेकर जिम्मेदारों द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। नतीजा यह है कि इसका खामियाजा पीड़ितों को भुगतना पड़ता है।
कुर्कीबाजार से आई लल्लीदेवी व अरिया बाजार के अंश ने कहा कि हाड़कंपाऊ ठंड के बीच बड़ी उम्मीदों के साथ इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल आए थे, लेकिन यहां पता चला कि इंजेक्शन ही नहीं उपलब्ध है। ऐसे में अब वापस लौटना पड़ रहा है। टांडा की बबिता व केदारनगर के मनीराम ने कहा कि वे पहले सीएचसी टांडा गए थे, वहां इंजेक्शन न मिलने के बाद बड़ी उम्मीद के साथ जिला अस्पताल पहुंचे थे। यहां से भी मायूसी हाथ लगी। अब मेडिकल स्टोर से अधिक दाम पर इंजेक्शन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन न होने का लाभ मेडिकल स्टोर संचालक उठा रहे हैं। संबंधित मेडिकल स्टोरों से पीड़ितों को अधिक दाम पर इंजेक्शन लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। बुधवार को मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीदकर लौटे टांडा के सुभाष ने कहा कि उनके भाई मनीराम को कुत्ते ने काटा था। जिला अस्पताल में इंजेक्शन न मिलके चलते उन्हें निजी मेडिकल स्टोर से 450 रुपये में खरीदना पड़ा है। एक मेडिकल स्टोर संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल में इंजेक्शन की उपलब्धता के आधार पर रेट निर्धारित करते हैं। यदि अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होता, तो इस पर अधिक दाम में बिक जाता है, अन्यथा जो प्रिंट रेट है, उसी पर बेचना पड़ता है।
जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन की कमी है। इसकी उपलब्धता के लिए निदेशालय को पत्र भेजा गया है। शीघ्र ही मिलने की संभावना है।
रिपोर्ट -विमलेश विश्वकर्मा ब्यूरो चीफ अंबेडकरनगर
You must be logged in to post a comment.