7 दिवसीय बौद्ध महोत्सव में राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक सम्मानित

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,03 फरवरी 2021 राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक पीसी कुरील को सीतापुर के हरगांव में डॉ भीम राव अंबेडकर द्वारा आयोजित 7 दिवसीय बौद्ध महोत्सव में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर, पीसी कुरील ने कहा कि सरकार प्रायोजित ढंग से आरएसएस, भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों और नेतृत्व पर हमला कर आंदोलन खत्म कराने में फेल हो गए। सरकार या अंतर्राष्ट्रीये दबाओ बढ़ गया है, लोगों पर अनर्गल हो रही घटनाओं को आतंकी घटना बता कर अपनी हिंसक घटनाओं पर पर्दा दाल रहे हैं। राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन विदेश में रहने वाले लोगों और मानवता पसंद विदेशी सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि फ्राड व ईवीएम हैकिंग सरकार पर दबाव बनाये और सरकार को हटा कर निष्पक्ष चुनाव करवाने में सहायक बनें यह सरकार कभी ठीक नहीं हो सकती है मानव विरोधी विचारधारा, शक्तिमान बनकर मानवता समाप्त कर रहे 2014 से बानी सरकार के कार्य में हिटलर की कार्य वृति सन 1818 पेशवाओं पारी हुई घटना सबका साथ सबका विकास, बलैक मनी 100 दिन में लाकर 15 -15 लाख रुपया सबके खाते में होंगे, दो करोड़ प्रत्येक वर्ष रोजगार देने का जुमला शब्द उपयोग कर लोगों को धोखा देने का कार्य किया, और विभागों को पूंजीपतियों को बेच दिया, नागरिकता से हटाए जाने व किसान विरोधी तीनों बिलों की वापसी के आंदोलन को समाप्त करने के लिए केंद्र-प्रदेश सरकार आतंक फैलाये हैं, ऐसा लग रहा है कि यह नेता नहीं है माफिया, कसाई हैं, इस प्रकार बार बार प्रवृति आती है। उसे ठीक करने के लिए ऐसी विचार धरा लाई जाये जिससे समाज-राजनीति और अर्थ तीनों का समन्वय स्थापित हो, इससे इनकम श्रोत भी बने जिससे कार्य संचालन ठीक से चलता हैं। प्रत्येक नेता को लोगों के बीच से होकर पहुँचने का रास्ता बनें, जिससे लोगों की समस्याओं और कार्य समझ में आ जाए। पूंजीपति माफिया, गुंडा के रूप में पैदा हुए अहंकार समाप्त होकर नेतृत्व की सार्थकता प्राप्त होकर देश और समाज निर्माण की सोच निर्मित हो। तब हिन्दू राष्ट्र, राम राज्य के कल्पना नहीं बनेगी, सबका भारत मजबूत भारत की सोच बनेगी, इस प्रकार विचारधारा लाने के लिए जाति-धर्म-समुदाय का समन्वय, भाईचारा भारत देश-संविधान में विश्वास पैदा होकर बाबा साहब डा० भीम राव अम्बेडकर का गोलमेज कांफ्रेंस में जादवी सूत्र प्रतिनिधित्व को प्रत्येक स्तर पर योग्यता कम्पटीशन्स से लागू किया जाये, सरकारीकरण को महत्व मिले और सभी संविधान से युक्त हों। नेटवर्किंग आधार दिया जाये और प्रत्येक व्यक्ति को कार्य से जोड़ कर रखा जाये तब सही रूप से प्रतिनिधित्व होकर चलेगा, प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक प्रकार की समस्या का निस्तारण रास्ता प्राप्त होगा।

रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली