उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) लखनऊ,27 मार्च 2021 लखनऊ नगर निगम कर्मचारी मंच और नगर निगम प्रशासन वार्ता में बनी सहमति तथा विभागीय मंत्री के आश्वासन के बाद भी होली से पूर्व नगर निगम कार्मिकों के बकाए सातवे वेतनमान की अन्तरराशि का भुगतान चेक द्वारा निर्धारित समय में नही किया गया तो मीडिया में प्रकाशन हुआ किया गया। खबर प्रकाशन के उपरान्त मंच के नेताओं ने आज मुख्य वित्त लेखा अधिकारी से अन्तर राशि का चेक बैंक न भेजे जाने का कारण पूछा तो उन्होंने प्रशासन के पाले में गेद डाल दी। वहॉ से निकाले कर्मचारियों ने अपर आयुक्त डा. अर्चना द्विवेदी से बॉत की तो उन्होंने नगर आयुक्त से दूरभाष पर वार्ता के उपरान्त बताया कि नगर आयुक्त द्वारा 31 मार्च को कार्यालय खुलने पर चेक बैंक में लगाए जाने का आश्वासन दिया है।ज्ञात हो कि नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मंच द्वारा पिछले दिनों आन्दोलन के माध्यम से अपनी कई मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा गया था। इस दौरान नगर आयुक्त द्वारा सातवें वेतनमान की अन्तरराशि के भुगतान का आदेश भी किया गया था। इसके लिए उन्होंने सख्त आदेश जारी करते हुए 25 फरवरी तक बिल लेखा विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन अचानक अन्तराशि भुगतान के चेक बैंक न भेजे जाने और एक माह का समय बीत जाने पर इस प्रकरण को मीडिया ने आज प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस सम्बंध में मंच के नेताओं चन्द्र प्रकाश अग्निहोत्री, सुरेश कुमार धानुक, मो. अकील, आनंद वर्मा,नरेश बाल्मीकि और कैसर रजा ने कहा कि अगर प्रशासन चाहे तो वह कर्मचारियों की देनदारी धीरे धीरे कर के चुका सकता है। जिस तरह से राजस्व आय हो रही है उस हिसाब से नगर निगम प्रशासन दो भागों में भी नगर निगम कार्मिकों की देनदारी चुका सकता है। जबकि मंच के नेता शशि मिश्रा का कहना है कि राज्य वित्त आयोग से 51 करोड़ की राशि पुनः प्राप्त हो चुकी है कुछ धनराशि पिछले माह मिले 40 करोड़ से बकाया है अगर निगम प्रशासन चाहे तो दो किश्तों में नगर निगम कार्मिकों की देनदारी समाप्त कर सकता है। जबकि नेता राजेश सिंह का कहना है कि अगर जिन मांगों पर प्रशासन और कर्मचारी प्रतिनिधि मण्डल के बीच सहमति बन जाए और उसके बाद भी आदेशानुसार समय पर कार्रवाई न हो यह स्थिति प्रशासन की कर्मचारियें के प्रति उदासीनता का प्रतीक कहलाती है। वार्ता के बाद अगर नियमानुसार समय पर भुगतान हो जाता तो कर्मचारियों को पुनः विरोध की नौबत ही नही आती।
रिपोर्टर सिद्धार्थ त्रिवेदी रायबरेली
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