चित्रकूट में लाखों दीपों के प्रकाश से जगमगा रही धर्मनगरी

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय(दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट। पौराणिक तीर्थ के रूप में समूचे विश्व में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में दीपावली पर्व के उपलक्ष्य पर देश भर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने रामघाट में आस्था की डुबकी लगाने के बाद माता सती अनुसुईया के तपोबल से प्रकट हुई पतित पावनी मां मंदाकिनी गंगा और कामदगिरि पर्वत पर दीपदान किया। इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्रीकामतानाथ के दर्शन-पूजन कर कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। दीपदान मेले में 25 से 30 लाख श्रद्धालुओं के चित्रकूट आने की सम्भावनाओं के मददेनजर यूपी-एमपी शासन-प्रशासन द्वारा मेला परिक्षेत्र की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। वहीं श्रद्धालुओं ने दीपदान में गोबर और मिट्टी के दीयों का प्रयोग कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी साकार स्वदेशी को बढ़वा दिया। धर्म नगरी में चित्रकूट में आयोजित पांच दिवसीय दीपावली मेले पर बीती देर रात से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदाकिनी नदी के रामघाट तट पर पहुंचना शुरू हो गई थी। माता सती अनुसुईया के तपोबल से निकली पतित पावनी मां मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद लाखों श्रद्धालुओं ने दीपदान किया। इसके बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्री कामता नाथ के दर्शन-पूजन करने के बाद कामदगिरि पर्वत के पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। वहीं हजारों श्रद्धालुओं ने मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भगवान कामतानाथ की डंडवती परिक्रमा भी लगाई। समूची धर्म नगरी भगवान श्रीकामतानाथ जी एवं भगवान श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो रही है। दीपदान से मंदाकिनी नदी रंग-बिरंगे दीयों की रोशनी से जगमग हो रही है। वहीं इस बार श्रद्धालुओं द्वारा दीपदान में गोबर और मिट्टी के दीयों का प्रयोग कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को साकार किया जा रहा है। यूपी-एमपी शासन-प्रशासन द्वारा मंदाकिनी के रामघाट तट के दोनों ओर विशेष सजावट की गई है। बीती रात से ही आकर्षक रंगीन विद्युत झालरों से पूरा रामघाट टिमटिमा रहा है। धर्म नगरी में उमड़े श्रद्धालुओं द्वारा मंदाकिनी में स्नान के बाद गरीबों का अन्न और द्रव्यदान भी किया जा रहा है। इस बार दीपावली मेले में श्रद्धालुओं के अंदर स्वदेशी प्रेम कूट-कूट कर देखने को मिल रहा है। आज सुबह दीपदान के समय मंदाकिनी के रामघाट तट और कामदगिरि पर्वत का नजारा देखते ही बन रहा है। ऐसा लग रहा है, जैसे असंख्य तारे मंदाकिनी और कामदगिरि पर्वत की गोद में उतर आये हों। देश भर से आये लाखों श्रद्धालु कामदगिरी की पंचकोशीय परिक्रमा लगाने के बाद धर्मनगरी के हनुमानधारा, जानकीकुंड, सती अनुसइया आश्रम, गुप्त गोदावरी, भरतकूप आदि स्थानों के भी दर्शन किए।

कामद्गिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास महाराज,भरत मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास और भागवताचार्य आचार्य नवलेश महाराज बताते हैं कि धर्म नगरी चित्रकूट आदिकाल से साधू-संतों की तपोभूमि रही है। वनवास काल में भगवान श्रीराम के साढ़े 11 वर्ष तपस्या करने के बाद से यह पावन भूमि समूचे विश्व के करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा और आस्था का केन्द्र बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि लंका विजय के बाद अयोध्या लौटते समय जब प्रभु श्रीराम चित्रकूट में रूके थे। तब उन्होंने माता सीता और अनुज लखन के साथ मंदाकिनी में दीपदान किया था। इसी समय सप्त ऋषियों एवं धर्म नगरी के साधू-संतों एवं असंख्य दीप जलाकर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की आरती की थी। अमावस्या के दिन हुए इस महादीप दान से चित्रकूट पूर्णिमा की भांति प्रकाशमान हो गई थी। त्रेतायुग में चित्रकूट से शुरू हुई दीपदान परम्परा आज भी पूरी भव्यता के साथ जारी है।

गौरतलब है कि इस मेले में मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश के कानपुर,झांसी, ललितपुर,उरई, बांदा, महोबा, हमीरपुर, कौशाम्बी, फतेहपुर के अलावा मध्य प्रदेश के सतना,रीवां,भिंड,ग्वालियर,मुरैना आदि दर्जनों जिलों के लाखों श्रद्धालु दीपावली मेले में चित्रकूट पहुंचकर मंदाकिनी में दीपदान और मनोकामनाओं के पूरण के लिए कामदगिरि पर्वत की प्ररिक्रमा लगाते हैं। इसके लिए पड़ोसी देश नेपाल भूटान, सिक्किम, जापान, कोरिया, जर्मनी, स्विटजर लैण्ड, फ्रांस, रूस, श्रीलंका, लक्ष्यदीप, म्यामार में रह रहे हिन्दू वर्ग के श्रद्धालु भक्त भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट का दीपदान मेले की दैवीय छटा देखने के लिए आते है।यह मेला पूरे पांच दिनों तक चलता है। धनतेरस, नर्क चतुदर्शी, दीपदान अमावस्या मेला, प्रतिपदा व भईयादूज के बाद ही समाप्त होगा। दीपदान मेले को सकुशल सम्पन्न कराने में जुटे उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल और एसपी अधीक्षक धवल जायसवाल के अलावा मध्य प्रदेश के सतना जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा स्वयं मेला परिक्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते नजर आये।

 

ब्यूरो रिपोर्ट-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

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