घर से दूर विद्यार्थियों को अपनेपन का अहसास

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि)चित्रकूट: ग्रामोदय मेले में जनजातीय क्षेत्रों के छोटे-छोटे बच्चों की उपस्थिति और सहभागिता नानाजी की समग्र ग्रामीण विकास की सोच को साकार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है। नानाजी देशमुख द्वारा चित्रकूट में स्थापित रामनाथ आश्रम शाला के विद्यार्थियों ने मेले में प्रदर्शित स्टॉलों के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति को करीब से महसूस किया। लगभग पचास किलोमीटर के आसपास स्थित जनजातीय क्षेत्रों से यहां रहकर पढने आए इन बच्चों की उपस्थिति ने अन्य लोगों को भी ग्रामीण संस्कृति से जुडने के लिए जागरूक करने का काम किया है। मेले में भ्रमण के दौरान अनुशासित बच्चों ने बाल उत्पीडन की रोकथाम को लेकर संदेश का वितरण भी किया। विद्यार्थियों के समन्वयक एवं शिक्षक शंकरसिंह ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा से वंचित तीन सौ विद्यार्थी इस आवासीय शाला में रहकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

इस मौके पर ग्रामीण संस्कृति को करीब से जानने को लेकर छोटे – छोटे बच्चों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। ऐसे ही एक छात्र अजय ने बताया कि मेले में बहुत अच्छा लगा, जनजातीय संस्कृति को देखकर उन्हे अपने गांव की याद ताजा हो गई। इसी तरह मझगवां के रहने वाले कक्षा 6 के छात्र मोनू ने भी मेले को मनोरंजक और सीखने वाला बताया। बेहतर शिक्षा और उज्जवल भविष्य की चाह में अपनेे घर और परिवार से दूर इन बच्चों के लिए ग्रामोदय मेला अपनेपन के कुछ लम्हे लेकर आया है। मेला घूमने आए इन बच्चों की मुस्कान को देखकर चित्रकूट जैसे छोटे स्थान में लगे ग्रामोदय मेले की सार्थकता स्वतः ही प्रकट हो रही है।

 

 

*ब्यूरो रिपोर्ट* अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

*जनपद* चित्रकूट