*बहुत भयानक आहट सुनाई दे रही है देश में…?*

भारत/राष्ट्रीय दैनिक कर्मभूमि/उड़ीसा आप ने सुनी?

शुरूवात उड़ीसा बालासोर ट्रेन ऐक्सीडेंट से हो चुकी है

स्टेशन मास्टर मोहम्मद शरीफ सीबीआई जाँच की घोषणा के बाद से फरार 🐖🐖🐖

👉पूरे देश में सभी रेलवे लाइनों के दोनों ओर बांग्लादेशी जिहादी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं ने झुग्गियां बना ली हैं।

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👉हर स्टेशन पर सौ मीटर के अंदर मस्जिद-मजार ज़रूर मिल जाएगी।एक ही झटके में और एक ही कॉल पर पूरे भारत का रेलवे नेटवर्क जाम कर देने की स्थिति में वे आ चुके हैं!

 

👉सभी स्टेशनों, प्लेटफॉर्म्स, रेलवे लाइनों के आस पास बनी अवैध मजारों में संदिग्ध किस्म के लोग दिन रात मंडराते रहते हैं और रेकी करते रहते हैं…?

 

👉उनकी गठरियों में क्या सामान बिना टिकट देश भर में फैलाया जा रहा है, कोई चेक नहीं करता।

 

मज़ारों-मस्जिदों में किस तरह के गोदाम और काम चल रहे हैं, इससे प्रशासन आँखें बंद किये है…

हमारे शहरों में जितने हाईवे निकलते हैं। किसी पर भी बढ़ जाइये, तो हर तीन चार किलोमीटर पर एक नई मजार बनी मिल जाएगी बिल्कुल रोड पर।

 

👉अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कुछ तो षड़यंत्र चल रहा है। यदि पूरे देश में हालात यही हैं तो कितनी खतरनाक स्थिति है आप स्वयं समझ सकते हैं….

 

👉देश की राजधानी दिल्ली को जिहादियों ने लगभग चारों तरफ से घेर लिया है बल्कि दिल्ली के भीतर नई दिल्ली, जहां हमारी केन्द्र सरकार रहती है उसे भी पूरी तरह से घेर लिया है। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से देवबंद तक तो जमात का गढ़ ही हो गया है..

 

👉जब भी कभी हालात बिगड़े तो राजधानी पूरी तरह से जाम मिलेगी, रेलवे लाइनें जाम मिलेंगी, हाईवेज जाम मिलेंगे। आपको भागने का मौका कहीं नहीं मिलेगा।

 

 

👉ट्रेने उड़ा दी गयीं, सड़कों पर चक्का जाम कर दिया तो न आप तक मदद आ पाएगी, न आप कहीं भाग पाएंगे…

 

 

👉सोचिए तब इस अशांतिप्रिय समुदाय के देश के भीतर फैले देशद्रोही क्या हालत करेंगे आप सोच भी नहीं सकते….?

 

👉कैसे एक आवाज पर सड़कें रोकी जानी है, पुलिस चौकियों, सुरक्षा बलों पल हमले होने हैं, इसकी रिहर्सल शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में की जा चुकी है..

 

 

👉कौन कहाँ से कमांड करेगा, हर शहर में कौन कहाँ से लीड लेगा, कौन कहाँ फॉलो करेगा, कैसे मैसेज पास होंगे, कैसे गजवाए हिंद अमलीजामा पहनेगा….तैयारी पूरी दिखती है…

 

 

👉इंतजार है तो शायद सिर्फ पाकिस्तानी और बाँग्लादेशी आर्मी के ग्रीन सिग्नल और तालिबानी लड़ाकों का…

 

 

👉साथ ही निजामे मुस्तफा में सारे तकनीकी काम सुचारू रूप से चलाने में दक्षता प्राप्त करने का इसीलिये बच्चों को शिक्षा दिलाने में अचानक इनकी रुचि बढ़ गयी है..

 

👉साथ ही हिजाब-नकाब-हलाल दुकानों, और शहर के उन हिस्सों में भी, जहाँ इनकी आबादी नहीं है!

 

 

👉सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेवात, अलवर, गुड़गांव चारों तरफ से दिल्ली तालिबानी मानसिकता से घिर चुकी है….?

 

👉याद रहे अशांतिप्रिय मजहब का प्रत्येक व्यक्ति ना केवल घातक हथियारों से लैस है बल्कि मार काट में भी पूर्णतः निपुण है, और हैवानियत को शेरदिली और दयाभाव को बुज़दिली और कमजोरी तथा छल कपट करना, घात लगाकर रहना इनकी परवरिश है।

 

 

👉सोचिए विभिन्न राजनीतिक दलों के जाति के नाम पर बांटने वाले नेता, क्या हमें, हमारे परिवारों को इन देशद्रोहियों के हाथों से बचा पाएंगे?

हमें छोड़िये, क्या खुद को बचा पाएंगे?

 

 

👉और अपने सेकुलर खोटे सिक्कों वामपंथियों, बीचवालों, मोमबत्ती गैंग, पुरस्कार वापसी गैंग, कांग्रेसियों, आपियों, पापियों, अखिलेश, ममता, ओवैसी और योगी-मोदी के विरोध में खतना करने को तैयार लिबरल इत्यादि का खतरा अलग से है।

 

👉बहुत ही खतरनाक कोढ़ इस देश में फैल चुका है और देश को गलाने लगा है… इसका इलाज समाज को जातियों में तोड़ने वाले नेताओं के पास तो बिलकुल भी नहीं है, वो तो इसको सच मानने से ही मना कर देंगे और बीजेपी को ही कोसते रहेंगे, जबकि यह पिछली सरकारों के अंधेपन और अदूरदर्शिता के कारण हुआ है, एक दिन में नहीं.. ये नासूर सत्तर सालों में बना है।

 

👉अब योगी जी, मोदीजी से ही आस है बस! पुलिस-प्रशासन भी है..

लेकिन उससे भी पहले, अपनी सुरक्षा आपकी अपनी भी जिम्मेदारी है,

 

 

 

रिपोर्ट नेशनल हेड राजेश कुमार मौर्य उड़ीसा भारत