मौलाना शकील अहमद साहब कासमी को नम आखों से दी अंतिम विदाई

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय (दैनिक कर्मभूमि) कानपुर। शहर के मशहूर और लोकप्रिय हजरत मौलाना शकील अहमद साहब कासमी इमाम साहब इंतक़ाल के बाद उनकी नमाज़े जनाज़ा में एक बेमिसाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। 70 वर्ष की उम्र में गुरुवार रात अंतिम सांस ली । उनके नमाज़े जनाज़ा शुक्रवार शहर की बड़ी ईदगाह बेनाझाबर में अदा की गई। बड़ी संख्या में लोग उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए मस्जिद और आसपास की गलियों में जमा हो गए थे। हर आंख नम थी और माहौल ग़मगीन।शहर के कोने-कोने से लोग नमाज़े जनाजा में शामिल हुए।हजरत मौलाना शकील अहमद साहब कासमी इमाम साहब साहब ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा इस्लामिक न्याय, शिक्षा और में गुजारा था। उनके पास न सिर्फ धार्मिक विद्वता थी, बल्कि वह समाज के हर तबके में एक आदर्श और मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते थे। उनकी शख्सियत ऐसी थी कि उन्होंने शहर के छोटे-बड़े मसलों को बड़े धैर्य और समझदारी से सुलझाया दिया करते थे।

संवाददाता आकाश चौधरी कानपुर